मंहगाई की मार के बीच उन पाठको को जो अखबार खरीद कर पढते है या कहे खबरो से दिलचस्पी रखते है रद्दी के दाम घटने से नुकसान उठाना पड रहा है
संजीव श्रीवास्तव लखनऊ
दस दिन पहले अखबार की
रद्दी जो 20 ₹ प्रति किलो बिक रही थी आज का भाव 15₹ किलो मिल रहा है ।।
हिंदी दैनिको के नियमित पाठक एक तरफ महंगा अखबार खरीदने पर विवश है ।।
जिसकी एक प्रति 7 ₹ की मिलती है माह का 210 ₹ हॉकर को चुकाना पडता है ।।
जबकि एक अखबार का वजन मान 82 ग्राम होता है इस प्रकार 30 दिन के अखबार का बजन 0.082×30=2.460 ग्राम हुआ वतंमान मूल्य 15/₹ किलो पर 36 ₹ कुल एक माह के अखबार की रद्दी की कीमत मिली जोकि पहले 20 ₹ /किलो मिला करती थी