लखनऊ। बिजनौर इलाके में करीब डेढ़ माह पहले जालसाजों के खिलाफ एससी/ एसटी न्यायालय में वाद दाखिल करना एक गरीब परिवार को काफी महंगा पड़ गया
मुमताज़ अहमद लखनऊ
। नतीजा यह की आरोपियों के खिलाफ कोई ठोस कार्रवाई न होने से वह आए दिन पीड़ित परिवार को तरह-तरह की धमकी दे रहे हैं। इससे परेशान पीड़ित महिला ने बिजनौर थाने के अलावा मुख्यमंत्री को पत्र देकर आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने की मांग की है। बिजनौर के परवर पूरब गांव निवासी शांति देवी के मुताबिक गांव के ही नीरज शुक्ला और अजय गौतम ने मिलकर करीब साल भर पहले उसके अनपढ़ बेटे विनोद गौतम को मोबाइल दिलाने के बहाने उससे कुछ कागजातों पर हस्ताक्षर करा लिए। बाद में उसके नाम 22 अगस्त 2022 को टाटा पांच कार फाइनेंस करवा ली। बाद में फाइनेंस की किस्त ना जमा होने पर शांति के घर जब उसकी नोटिस पहुंची तब उसे इसकी भनक लगी। उसने इसकी शिकायत नीरज शुक्ला और अजय गौतम से की, लेकिन आरोप है कि वह भड़क गए। कुछ दिनों बाद फिर एक नोटिस उसके घर पहुंची। तब परेशान होकर पीड़ित ने जनसुनवाई पोर्टल पर इसकी शिकायत करने के साथ ही बिजनौर पुलिस को इसकी लिखित तहरीर दी। लेकिन पुलिस ने मामले की रिपोर्ट नहीं दर्ज की। इसके बाद पीड़िता ने पुलिस आयुक्त से इसकी शिकायत की। आरोप है की शिकायत के बाद आरोपी पीड़ित के ऊपर शिकायत वापस लेने का दबाव बनाने लगे। जब उन्होंने मना किया तो आरोपियों ने जान से मारने की धमकी दी। शांति का कहना है कि बाद में उसने आरोपियों के खिलाफ एससी-एसटी न्यायालय में वाद दाखिल किया। जब इसके बारे में आरोपी अजय गौतम को पता चला तो वह 10 अगस्त 2023 की रात शराब पीकर पीड़ित के घर पहुंचा और गाली गलौज करने के साथ उन्हें जान से मारने की धमकी देकर चला गया। शांति का कहना है कि उसकी इस धमकी से सदमे में आए बीमार बेटे विनोद की 11 अगस्त को मौत हो गई। शांति ने उसकी मौत का जिम्मेदार नीरज शुक्ला और अजय गौतम को ठहराया है। शांति का आरोप है कि इसके बाद भी आरोपी आए दिन उन्हें तरह-तरह की धमकियां दे रहे हैं। जिससे परेशान होकर उसने बिजनौर थाना प्रभारी के अलावा मुख्यमंत्री को पत्र देकर आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने की मांग की है।