लखनऊ

भारतीय पत्रकार एवं मानवाधिकार परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष जितेन्द्र बहादुर सिंह ने साथियों व सहयोगियों के साथ संतो की सबसे बड़ी संस्था के महाराज से किया शिष्टाचार भेंट चरण स्पर्श कर आशीर्वाद प्राप्त किया

एडिटर राजेश कुमार सोनू पाल सज्जाद टाइम्स न्यूज़ लखनऊ

लखनऊ । जानी मानी प्रसिद्ध संस्था भारतीय पत्रकार एवं मानवाधिकार परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष जितेन्द्र बहादुर सिंह ने लखनऊ के एक प्रसिद्ध होटल में पत्रकारों ,आरटीआई एक्टिविस्ट ,सहित समाजसेवियों के साथ संतों की सबसे बड़ी संस्था अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष व श्री पंचायती निरंजनी अखाड़ा महानिर्वाणी के सचिव परम श्रद्धेय श्रीमहंत रविन्द्र पुरी महाराज जी का चरण स्पर्श कर आशीर्वाद और सानिध्य प्राप्त करने के साथ साथ साधुओं व संतो की विशेषता के बारे मे विस्तार से जानकारी प्राप्त की ।महानिर्वाणी अखाड़ा संन्यास परंपरा का प्रमुख अखाड़ा है. देश के 15 राज्यों में अखाड़े की शाखाएं हैं, जिनमें दक्षेश्वर महादेव मंदिर नीलकंठ महादेव मंदिर, बनारस का अन्नपूर्णा मठ मंदिर आदि पीठ काफी प्रसिद्ध हैं. इसके अलावा, अखाड़ा जनहित के लिए शिक्षा और चिकित्सा क्षेत्र में भी कार्य करता है! रविंद्र पुरी जी महाराज अध्यक्ष अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद और  माँ मनसा देवी मंदिर ट्रस्ट के अध्यक्ष हैं. महंत रविंद्र पुरी जी महाराज हरिद्वार के कनखल स्थित दक्षेश्वर महादेव मंदिर के पीठाधीश्वर व महानिर्वाणी अखाड़े के सचिव हैं.

वह 35 साल पहले संन्यास लेकर महानिर्वाणी अखाड़े में शामिल हुए थे. रविंद्र पुरी जी महाराज 1998 के कुंभ मेले के बाद अखाड़े की कार्यकारिणी में शामिल हुए. उन्हें 2007 में अखाड़े का सचिव बनाया गया. इसके बाद उनको अखाड़ा परिषद का अध्यक्ष चुना गया!देश में प्रयागराज, हरिद्वार, नासिक और उज्जैन में कुंभ मेले का आयोजन होता है। कुंभ मेले में सरकार की ओर से साधु संतों और अखाड़ों को कई सुविधाएं दी जाती हैं. इन सुविधाओं को साधु-संतों तक पहुंचाने और संतो और सरकार के बीच समन्वय बनाने में अखाड़ा परिषद की महत्वपूर्ण भूमिका होती है इसलिए अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष पद को महत्वपूर्ण माना जाता है!आदि गुरु शंकराचार्य महाराज ने सभी अखाड़ों को एकजुट करने के लिए 1954 में अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद का गठन किया था. साधु-संतों की इस सर्वोच्च परिषद में हर अखाड़े के महात्माओं का प्रतिनिधित्व होता है. परिषद में अध्यक्ष और महामंत्री का पद प्रभावशाली होता है।इस समय 13 अखाड़े ही हैं जिनकी मान्यता है। इनमें जूना, निरंजनी, महानिर्वाणी, अग्नि, अटल, आह्वान व आनंद संन्यासी अखाड़े माने जाते हैं। वैष्णव अर्थात वैरागियों के अखाड़े दिगंबर अनी, निर्वाणी अनी व निर्मोही अनी हैं, जबकि उदासीन के अखाड़ों में बड़ा उदासीन, नया उदासीन और निर्मल शामिल हैं।भारतीय पत्रकार एवं मानवाधिकार परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष जितेन्द्र बहादुर सिंह ने अपने साथियों के साथ अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष आदरणीय रविंद्र पुरी जी महाराज (महानिर्वाणी अखाड़ा व अध्यक्ष मनसा देवी ट्रस्ट ) लखनऊ पधारे और हमारा सौभाग्य रहा कि प्रसिद्ध संतो का स्नेहशील आशीर्वाद प्राप्त हुआ   पत्रकार शीबू निगम द्वारा इस खास मुलाकात का कार्यक्रम सफलता पूर्वक पुर्ण किया गया ।

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