फतेहपुर बाराबंकी (जुलाई 18) ज़ात बिरादरी और धर्म के नाम पर बेवजह बहस बाज़ी धार्मिक कटुता की वजह है इसका निदान सद्भावना प्रेम और सहिष्णुता द्वारा ही सम्भव है यदि इस का समाधान समय रहते न किया गया तो देश की एकता अखंडता खतरे में पड़ जाए गा ईष्या द्वेष घृणा का चलन सम्पूर्ण सामाजिक व्यवस्था को तहस-नहस कर डाले गी उक्त विचार आज यहाँ डंडिया मऊ में कमर फाउन्डेशन के तत्वावधान में आयोजित विचार गोष्ठी “भेदभाव मुक्त समाज की स्थापना में हमारा योगदान” को संबोधित करते हुए फतेहपुर नगर पंचायत चेयरमैन इरशाद अहमद कमर ने व्यक्त किए उन्हों ने हिन्दू मुस्लिम एकता पर बल देते हुए कहा कि समय रहते यदि हम सचेत न हुए तो बाद में हाथ मलने से कुछ नहीं होगा ।
सद्गुरु आश्रम के सुविख्यात महंत लक्ष्मेंद्र दास जी ने अपने उपस्थित जनों से प्रश्न किया कि जब हास्पिटल में किसी अपने को खून चढ़ाने आती है तो कितने लोग हैं जो धर्म देख कर ब्लड लेते हैं जब अपने घर में आग लगती है तो कौन है जो धर्म देख कर आग बुझाने के लिए लोगों को पुकारता है ? उस समय मात्र एक उद्देश्य होता है कि रोगी की जान बच जाए घर की आग बुझ जाए आज देश पून: जिन्नाह की दो कौमी विचारधारा के जाल में फंस गया है ये घृणा देश की सामाजिक व्यवस्था एकता अखण्डता के लिए बहुत घातक है सिसकती हुई मानवता को प्रेम की वैक्सीन देने की आवश्यकता है और यह काम सुव्यवस्थित रूप से कमर फाउन्डेशन कर रहा है मैं फाउंडेशन के संस्थापक मौलाना मेराज अहमद जी को इसके लिए बधाई देते हुए आप सब का आह्वान करता हूँ कि इस फाउंडेशन से जुड़ें आप का सहयोग और योगदान देश को सशक्त स्वावलंबन प्रदान करेगा मुझे आशा है कि हर देशभक्त नागरिक मौलाना जी का अनुशरण कर देश के विकास में अपनी भूमिका दर्ज कराए गा
जमात इस्लामी हिंद के सदस्य विद्वान लेखक हाफ़िज़ अब्दुल हई ने जात बिरादरी और धर्म की राजनीति को देश के लिए नासूर बताते हुए कहा कि इस को समाप्त किए बिना शांति सद्भावना भाइचारे की बात करना बेमानी है जात बिरादरी और धर्म के नाम पर झगड़ा फ़साद हर धार्मिक समुदाय के धर्म पर कलंक है इस से बचें और समाज को बचाएं
मौलाना मिन्हाज आलम नदवी ने कहा धार्मिक नियमों के अनुसार अपनी पारिवारिक सामाजिक व्यवस्थाओं संगठित करें किंवदन्तियों के बजाये धार्मिक पुस्तकों का अध्ययन कर उसकी पद्धतियों अनुसार चलें जातीय और साम्प्रदायिक द्वेष घृणा अपने आप समाप्त हो जाए गी क्योंकि कोई धर्म अपराधिक शिक्षा नहीं देता चारो ओर शांति सद्भावना का राज होगा उन्होंने कमर फाउन्डेशन की सराहना करते हुए कहा कि इस आन्दोलन का साथ देना चाहिए क्योंकि इससे सामाजिक विकास सहिष्णुता सद्भावना का माहौल कायम हो गा !
कमर फाउन्डेशन के संस्थापक संरक्षक मौलाना मेराज अहमद कमर ने अपने संबोधन में कहा कि इस धरती पर मौजूद सम्पूर्ण मानव जाति एक माता पिता की सन्तान है कोई ऊंचा-नीचा नहीं सब एक दूसरे के भाई है तमाम धर्म ग्रंथ भलाई की ही शिक्षा देते हैं भाषाई अन्तर और अज्ञानता के कारण मतभेद हैं जिन्हें दूर किया जाना समय की जरूरत है उन्होंने कहा कि हम अपने धर्म प्रवर्तकों को बहुत मानते हैं उनके नाम पर जान लेने-देने पर आमादा हो जाते हैं लेकिन उनकी कहीं बात नहीं मानते यही वो अधर्म है जिसने देश में अशांति, असुरक्षा, घृणा, ईष्या, द्वेष की भावना पैदा कर दी है ऐसे में लाज़मी है कि एकता प्रेम की अलख जगाई जाए मेरा सब से निवेदन है कि कमर फाउन्डेशन के साथी बनें क्योंकि मोहब्बत के दिए रोशन करना हर भारतीय का कर्तव्य है क्योंकि ये देश सबका है
देर रात्रि तक चलने वाले इस कार्यक्रम का सुसंचालन शिक्षाविद अहमद सईद हर्फ ने किया इस अवसर पर प्रधान नंदना कलां, प्रधान गंगौला समेत आस-पास की बस्तियों के लोगों ने बड़ी संख्या मे उपस्थित रहे!
