कुछ नही पता चलता कि सड़क में गढ्ढा है या गढ्ढे में सड़
जिम्मेदारों के कान के नही रेंगती जू
*छह माह से खराब सड़क जलभराव से परेशान राहगीर
अमन कुमार सज्जाद टाइम्स न्यूज़ लखनऊ
लखनऊ:-राजधानी लखनऊ में शहीदों की स्थली का नरक भरा हाल देखना हो तो मोहान मार्ग से काकोरी जाने वाले संपर्क मार्ग पर आइये। हाल ये है सड़क का कि यदि गलती से कोई गर्भवती स्त्री वाहन से सड़क पार कर रही हो तो वो बीच रास्ते मे ही उसकी डिलीवरी हो जाएगी। क्योकि पता ही नही चलता कि यह सड़क थी कि गढ्ढे की सड़क बनाई गई है।फिरहाल प्रशासन और जिम्मेदार को कोई फर्क नहीं पडता वो कुम्भकर्णी नींद से उठने वाले नही।
लखनऊ मोहान मार्ग से काकोरी कस्बे जाने वाला मार्ग पर अत्यधिक भारी और बाहरी वाहनों का निकलना बैठना रहता है।और शहर से नजदीक मार्ग होने की वजह से इस काकोरी मार्ग का यातायात भी काफी व्यस्ततम रहता है।सड़क का हाल बरसात से पहले ही बहुत बुरा था। और बरसात में तो किसी बड़ी दुर्घटना के लिए इंतजार में है रास्ता।या ये कह लीजिए जिम्मेदार लोग। रास्ता बहुत ही खराब हो चुका है।सड़क तो दिखती ही नही कहा है।बस दिखते है तो 300 मीटर तक छोटे से लेकर बड़े गढ्ढे ही गढ्ढे। दुकानदारों की माने तो जिम्मेदार लोगों ने उन गढ्ढो में ईंट गुम्मे डालने का काम किया और रास्ते को और जोखिम भरा बना दिया। दुकनदारी रास्ता खराब होने से ठप हो गई है।लोगो का पैदल निकलना भी बहुत मुश्किल से हो पा रहा है।
हमारे समाचार संवाददाता की कुछ क्षेत्रीय लोगो से बातचीत की तो उनका दर्द छलकने लगा।जनरल मर्चेंट चलाने वाले दुकानदार सर्वेश यादव ने बताया कि सभासद हो या सांसद कोई सुनने वाला नही वोटों से झोली भरी और जीत गए।अपना रास्ता लिया निकल लिए। दुबारा कभी देखने नही आये।न ही कोई सुविधा मुहैया करा रहे है। 3 माह से सड़क खराब है किसी के कोई फर्क नही पड़ता।
पार्लर बुटीक चलाने वाली रजनी जी ने बताया कि लोग पैदल नही निकल पा रहे है इतने गढ्ढे हो गए है सड़क पर पता ही नही चलता कि सड़क है भी की नही।
फर्नीचर का काम करने वाले शरताज़ ने बताया कि सड़क खराब होने से हमारी नई बाइक के शाकर ही खराब हो गए।और काम धंधे पर भी इस खराब सड़क होने से बहुत असर पड़ा है।लोगो का गाड़ी हो या पैदल सभी का निकलना दूभर है। मोहल्लेवासी अशरफी लाल,आज़ाद विनोद,अशोक तिवारी ,रिकू आदि दर्जन भर लोगो से बात हुई सभी ने हमारे संवाददाता को बताया की प्रशासन कोई कार्यवाही नही कर रहा। न LDA वाले कुछ करते है और न ही नगर निगम बाले।जब कि विधायिका जी ने भी कभी सुधि नही ली और न ही सरकार में रहे पूर्व केंद्रीय मंत्री जी ने ही कभी सुधि नही ली।न कभी कोई मोहल्ले,इलाके का विकास कार्य ही कराया।और सबसे बड़ी बात की इन मार्ग पर इलाके के बीच मे सीमेंट गोदाम बने है जिनपर बड़े बड़े ट्रकों के आवागमन से सड़के जल्दी खराब हो जाती है और इलाके में सीमेंट का उड़ने वाला पाउडर से प्रदूषण बना रहता है।फिर भी कोई प्रसासन सख्ती से कदम नही उठता है। काकोरी मोड़ मोहान रोड के चारो तरफ,नरौना, पतौरा, मोहान मार्ग, काकोरी मार्ग पर दूध डेयरी संचालको की वजह से नालियों, सड़को,मैनर, पर छुट्टा गोबर बहता रहता है।इस खराब सड़क पर दूधियों की मेहरबानी से सड़क पर जलभराव कम गोबर भराव कहना ज्यादा सही रहेगा।ये लोग गोबर को समरसेबल पम्प द्वारा गोबर को घर से बहा देते है जो कि मोहल्ले काकोरी मार्ग पर भर जाता है जो कि बहुत ही वायु प्रदुषण हो जाता है।बहुत ही बदबू फैली रहती है। फिर भी इन डेयरी चालको पर वोट बैंक के चलते पहले ग्राम प्रधानो का इनके सर पर हाथ था और अब सभासद,सांसद और जिम्मेदार लोगों का हाथ है।अब देखना ये है कि काम करने वाले सिर्फ वोट ही लेते रहेंगे या कुछ काम भी करके दिखाएंगे।कहते कहते कही न कही लोगों का गुस्सा जनप्रतिनिधियों के खिलाफ साफ नजर आता है।ना नाला न सड़क गंदे जलभराव गोबर आदि में नारकीय जीवन जीने को मजबूर है लोग यहाँ के और निकलने वाले हजारों राहगीर।