सज्जाद टाइम्स
अन्य समुदाय के लोगों को ईद ग़दीर से परिचित कराएं
लखनऊ, 11 जून, 2025रू ईद ग़दीर के जश्न की तैयारियों को लेकर आयतुल्लाह सैय्यद सादिक हुसैनी शिराजी के कार्यालय पर एक बैठक आयोजित की गई। बैठक की शुरुआत पवित्र कुरान के पाठ से हुई, जिसके बाद शिया धर्मगुरू मौलाना सै0 सैफ अब्बास नकवी ने ईद ग़दीर की पहले से बधाई देते हुए कहा कि मोमेनीन अभी से ईदे गदीर की तैययारियों मे मसरूफ हो जाऐं और अपने अपने क्षेंत्रं और महल्लों मे ईदे गदीर की तययारियों के लिए आमादा हो जाऐं क्यों कि ईद ग़दीर का दिन अल्लाह और मुहम्मद स0अ0व0 के परिवार की सबसे बड़ी ईद है। पैगंबर स0अ0 ने इस दिन ईद मनाई और हर नबी इस दिन की अहमियत का कायल रहा है। इसलिए, लोगों को ईदे ग़दीर के दिन जश्न मनाना चाहिए। क्यो कि ईदे ग़दीर का बहुत महत्व है। क़यामत के दिन, चार दिनों को दुल्हन की तरह अल्लाह के यहां पेश किया जाएगा। ईदे फित्र, ईदे कुरबान, जुमा, और ‘‘ईदे ग़दीर’’। ग़दीर का दिन ईदे फित्र, ईदे कुरबान और जुमा के बीच चाँद जैसा होगा।
मौलाना सै0 सैफ अब्बास ने कहा कि ईदे ग़दीर के दिन कई सवाब के काम है जो लोगें को करना चाहिए जैसे कि गुस्ल करना, दो रकाआत नमाज़ पढना, रोज़ा रखना, दुआए नुदबा पढ़ना, नए कपड़े पहन्ना, इत्र लगाना, मुस्कुराते हुए लोगों से मिलना आदि। इस दिन का रोज़ा 60 वर्ष के गुनाहों का कफफारा है।
अंत में मौलाना सैयद सैफ अब्बास ने मोमिनों से अपील की कि वे अन्य समुदाय के लोगों को भी ईद ग़दीर से परिचित कराएं और यह स्पष्ट करें कि ईद ग़दीर के दिन अमीरुल मोमिनीन हजरत अली (अ.स.) की विलायत की घोषणा के बाद इस्लाम धर्म पूरा हो गया। चूंकि ईद ग़दीर जो सबसे बड़ी ईद है, आमाल और नर्ज़ के बाद एक दिन में पूरी हो जाती है, जबकि ईद फ़ित्र और ईद क़ुर्बान कई दिनों तक आयोजित किए जाते हैं, इसलिए हमें यह विचार करना चाहिए कि ईद ग़दीर जो सबसे बड़ी ईद है, यह दिन पैगंबर (स.) ने हाजियों को रोक दिया और हजरत अली (अ.स.) की विलायत की खुशखबरी दी। इसलिए हम दुनिया के सभी लोगों से अपील करते हैं कि वे 15 जून 2025, 18 ज़िल हिज्जा से लेकर 21 जून 24 ज़िल हिज्जा तक ईद ग़दीर मनाएं, ईद ग़दीर से लेकर ईद मुबाहिला तक, क्यों न हम इन दोनों ईदों को, यानी विलायत की घोषणा से लेकर विलायत की पुष्टि तक, एक पूरे सप्ताह के लिए विलायत में विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन करें।