जानवरों की कुर्बानी सड़कों और खुले में न करें-मौलाना सैफ अब्बास नकवी

उत्तर प्रदेश लखनऊ

सज्जाद टाइम्स न्यूज़
लखनऊ, 3 जून 2025 शिया चांँद कमेटी के अध्यक्ष मौलाना सैयद सैफ अब्बास ने जारी एक बयान मे कहा कि हजरत इब्राहिम (अ0स0) ने अपने बेटे को खुदा की राह में कुर्बान करने का इरादा किया और कुर्बानी करते समय इस्माइल (अ0स0) की पेशानी को ज़मीन पर रखा और इस्माइल (अ0स0) के गर्दन पर छुरी फेरी, लेकिन छुरी ने गर्दन को नहीं काटा। जब खुदा ने बाप-बेटे की खूलूस को देखा, तब उनकी कुर्बानी को कुबूल किया और जिब्राइल के साथ एक दुम्बा को इस्माइल (अ0स0) के बदले कुर्बानी के लिए भेजा। इस प्रकार हजरत इब्राहिम (अ0स0) ने उस जानवर की कुर्बानी खुदा की राह में पेश की। यहीं से कुर्बानी की सुन्नत शुरू हुई और आज कुर्बानी करना हज के वाजिब अरकान में से है और दुनिया भर में मुसलमान अपनी हैसियत के मुताबिक इस सुन्नत पर अमल करने की कोशिश करते हैं। हर साल इस दिन लाखों की संख्या में जानवर ज़बह करके गरीबों में तकसीम किए जाते हैं।
मौलाना सैयद सैफ अब्बास नकवी ने कुर्बानी की अहमियत को उजागर करते हुए कहा कि इस ईद का मक़सद और पैगाम यह भी है कि हम ईद-उल-अजहा की असल रूह को समझते हुए उसके मकसद को पूरा करके रूहानी सुकून और खुशी हासिल करें। ईद-उल-अजहा जिसे ईद-ए-कुर्बान और बकरीद भी कहा जाता है, यह ईद मुसलमानों के लिए अल्लाह की ओर से बेशकीमती तोहफा है। इस ईद में हम सुन्नत-ए-इब्राहिमी की पैरवी करते हुए अल्लाह की राह में जानवरों की कुर्बानी करते हैं।
मौलाना सैयद सैफ अब्बास ने आखिर में कहा कि ईद-ए-कुर्बान सिर्फ जानवरों को ज़बह करने का हुक्म नहीं देता है और न जानवरों के गोश्त को फ्रिज और कोल्ड स्टोरेज की ज़ीनत का नाम है, बल्कि इंसान अपनी अंदर की असीमित इच्छाओं को लगाम दें और अपने दिल में दूसरों के लिए गुंजाइश पैदा करें। मौलाना ने लोगों से अपील की कि जानवरों को खुले में या सड़कों पर ज़बह न करें और साफ-सफाई का ख्याल रखते हुए जानवरों की गंदगी व खून शरीयत के मुताबिक ज़मीन में दफन करें और सड़क पर न फेंकें। इसके अलावा हमारे देश के संविधान ने जिन जानवरों पर पाबंदी लगाई है, उनको ज़बह न किया जाए।

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