गोरखपुर : शकील फ़राज़ का नाम उर्दू के उन मशहूर निजामत (संचालन कर्ताओं) में शुमार है, जिन्होंने अपनी शायरी और निजामत में प्यार, दर्द और सामाजिक संवेदनाओं को एक विशेष या सर्वोच्च स्थान दिया। उनकी याद में 10 मई दिन शनिवार को रात 8:30 बजे रहमतनगर स्थित इस्लामिक नर्सरी स्कूल में कवि सम्मेलन और मुशायरा का आयोजन किया गया है। यह जानकारी शकील फ़राज़ के छोटे भाई एवं कार्यक्रम संयोजक मुहम्मद खालिद ने दी। उन्होंने बताया कि अपने साहित्य के सुनहरे सफ़र में ‘शकील फ़राज़’ नाम को अपनी पहचान का आधार बनाने वाले शकील फ़राज़ ने गोरखपुर से प्रकाशित रोज़नामा मशरिकी आवाज़ से पत्रकारिता में अपने कैरियर की शुरुआत की। ये कहना अनुचित न होगा कि शकील फ़राज़ की लेखनी वर्तमान में भी प्रासंगिक बनकर प्रेम, पीड़ा, क्रांति और सामाजिक न्याय जैसे विभिन्न पहलुओं पर अपनी बेबाक राय रखती है। इस कवि सम्मेलन और मुशायरा में शहर के अलावा बाहरी शायरों और कवियों को भी आमंत्रित किया गया है।
