सीबीआई ने अखिलेश को कल यानी गुरुवार को पूछताछ के लिए बुलाया है.
रंजीत कुमार सोनू पाल सज्जाद टाइम्स लखनऊ
हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने बुधवार को कहा कि उन्होंने पद से इस्तीफा नहीं दिया है। सुक्खू का यह बयान ऐसे समय में आया है, जब राज्यसभा चुनाव में कुछ कांग्रेस विधायकों के ‘क्रॉस वोटिंग’ करने के बाद उनकी सरकार पर बहुमत से हाथ धोने का खतरा मंडरा रहा है।मुख्यमंत्री सुक्खू ने यहां मीडियाकर्मियों से कहा, ‘मैं एक योद्धा हूं। मैं एक साधारण परिवार से हूं। हम यह लड़ाई जीतेंगे और विधानसभा में बहुमत भी साबित करेंगे।’ हिमाचल प्रदेश में मंगलवार को राज्यसभा चुनाव में छह कांग्रेस विधायकों ने भाजपा उम्मीदवार के पक्ष में मतदान किया।
सूत्रों का दावा है कि ये विधायक मुख्यमंत्री सुक्खू की कार्यशैली से ”निराश” हैं। छह विधायकों के क्रॉस वोटिंग के बाद राज्य में कांग्रेस सरकार के अस्तित्व पर संकट आ गया है। सुक्खू ने कहा, ”हम उन कुछ विधायकों के संपर्क में हैं जिन्होंने राज्यसभा चुनाव में क्रॉस वोटिंग की थी। मेरी सरकार अपना पांच साल का कार्यकाल पूरा करेगी।’
इसके पहले, हिमाचल सरकार के लोक निर्माण विभाग के मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने सुखविंदर सिंह सुक्खू मंत्रिमंडल से बुधवार को अपने इस्तीफे की घोषणा की। उन्होंने संवाददाताओं से कहा, ”मैं अपना इस्तीफा मुख्यमंत्री और राज्यपाल को सौंप रहा हूं।’ उन्होंने कहा, ‘मुझे अपमानित और कमजोर करने की कोशिश की गई लेकिन आपत्तियों के बावजूद मैंने सरकार का समर्थन किया।’
हिमाचल प्रदेश की एकमात्र राज्यसभा सीट भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के हाथों गंवाने के बाद मंगलवार से ही कांग्रेस सरकार की मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं। राज्यसभा सीट पर हुए मतदान में कांग्रेस के छह विधायकों द्वारा ‘क्रॉस वोटिंग’ किये जाने के बाद भाजपा ने सीट पर जीत हासिल की थी। विक्रमादित्य सिंह ने अपने इस्तीफे की घोषणा करते हुए कहा कि वह पिछले दो दिनों के घटनाक्रम से बेहद आहत हैं। उन्होंने कहा कि इस बात पर विचार करने की जरूरत है कि कांग्रेस के लिए क्या गलत हुआ।
सिंह ने कहा कि उन्होंने कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे और पार्टी नेताओं प्रियंका गांधी वाद्रा और राहुल गांधी को घटनाक्रम से अवगत करा दिया है और गेंद अब पार्टी आलाकमान के पाले में है। विक्रमादित्य सिंह ने कहा, ‘कांग्रेस पार्टी ने लोगों से वादे किए थे और उन वादों को पूरा करने की जिम्मेदारी हमारी है और मैं अपने समर्थकों से सलाह करने के बाद अपनी आगे की रणनीति तय करूंगा।’ उन्होंने कहा कि राज्य में 2022 का विधानसभा चुनाव पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह के नाम पर लड़ा गया था। वीरभद्र सिंह, विक्रमादित्य के पिता हैं।
उन्होंने कहा, ‘ऐसा कोई पोस्टर, होर्डिंग या बैनर नहीं था, जिसमें उनकी (वीरभद्र सिंह की) तस्वीर न हो। मतदान से एक दिन पहले अखबारों में उनकी तस्वीर के साथ पूरे पन्ने का विज्ञापन था। लेकिन जीत के बाद जब उनकी प्रतिमा स्थापित करने की बात आई तो सरकार स्थान तय करने में विफल रही।’ सिंह ने कहा, ‘ यह एक बेटे के लिए राजनीतिक नहीं बल्कि भावनात्मक रूप से जुड़ी हुई बात है।’
उन्होंने भारत के अंतिम मुगल सम्राट बहादुर शाह जफर का एक शेर भी पढ़ा, ”कितना है बद-नसीब ‘जफर’ दफन के लिए, दो गज जमीन भी न मिली कुचा-ए-यार में।” राज्य विधानसभा की 68 सीटों में से कांग्रेस के पास 40 और भाजपा के पास 25 सीटें हैं। बाकी तीन सीट पर निर्दलीयों का कब्जा है।