गोरखपुर में विधि विज्ञान प्रयोगशाला के स्थापित होने से उम्मीद थी कि जिन जांचों में महीनों समय लगता था, प्रयोगशाला बन जाने से वे हफ्तों में हो जाया करेंगी, खासकर गोरखपुर जिले को इसका भरपूर लाभ मिलता पर ऐसा होता नहीं दिख रहा है। शुरुआत में तो दावा किया गया कि इस प्रयोगशाला पर कई जिलों का बोझ है।
जिले में चार साल पहले अस्तित्व में आए गोरखपुर विधि विज्ञान प्रयोगशाला में डीएनए की सैकड़ों फाइलें धूल फांक रही हैं। समय से निस्तारण न होने को कारण इनका पहाड़ बनता जा रहा है।आलम यह है कि ढाई साल पुरानी जांच की फाइल पड़ी हुई है. समय से जांच रिपोर्ट न आने से कई मामले में न्याय में देरी हो रही है।
गोरखपुर में विधि विज्ञान प्रयोगशाला के स्थापित होने से उम्मीद थी कि जिन जांचों में महीनों समय लगता था, प्रयोगशाला बन जाने से वे हफ्तों में हो जाया करेंगी, खासकर गोरखपुर जिले को इसका भरपूर लाभ मिलता पर ऐसा होता नहीं दिख रहा है। शुरुआत में तो दावा किया गया कि इस प्रयोगशाला पर कई जिलों का बोझ है।
गोरखपुर जोन के अलावा वाराणसी जोन के कई जिलों की जांचें भी यहां भेज दी जा रही थीं लेकिन वर्तमान में जिलों की संख्या घटाने के बाद भी समय से जांच नहीं हो पा रही है। डीएनए जांच की लम्बी वेटिंग के चलते कई महत्वपूर्ण विवेचनाओं पर असर पड़ रहा है।
हालांकि अफसर जांच रिपोर्ट के लिए लगातार पत्र लिख रहे हैं। एसएसपी डॉ. गौरव ग्रोवर ने उन सभी एसआर केस जिसमें डीएनए रिपोर्ट की वजह से मामला लटका पड़ा है, उसके लिए विधि विज्ञान प्रयोगशाला के डायरेक्टर को पत्र लिखा है।
बेटे की मौत के सबूत का ढाई साल से मां को है इंतजार
अगस्त, गोरखनाथ इलाके के हुमायूंपुर हड़हवा फाटक के पास रिटायर कृषि इंस्पेक्टर सुरेंद्र सिंह के मकान के पानी की टंकी में एक युवक की लाश मिली। किराए के मकान में रहने वाला विशाल गुप्ता नाम के युवक के रूप में पुलिस ने उसकी पहचान की पर युवक की मां ने शव देख उसे अपना बेटा मानने से इंकार कर दिया। ढाई साल बाद भी डीएनए रिपोर्ट नहीं आने से शव की पहचान नहीं हो पाई।
शव की पहचान होने पर मिलेगी भाइयों को सजा
नवम्बर, गीडा क्षेत्र के पिपरी गांव निवासी दो सगे भाइयों ने बहन की हत्या के प्रतिशोध में गांव के युवक की कुल्हाड़ी से काटकर हत्या कर दी और शव को राप्ती नदी में फेंक दिया। हत्या का मुकदमा दर्ज कर पुलिस ने दोनों भाइयों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। कई दिनों की तलाश में राप्ती से एक लाश मिली। पुलिस ने पहचान के लिए डीएनए जांच को सैंपल भेजा था लेकिन अभी रिपोर्ट नहीं आई।
मानव कंकाल की पहचान हो तब दर्ज होगी FIR
अक्टूबर, बेलघाट के एकौना खुर्द गांव में मनोज गौंड के घर में स्थित शौचालय की टंकी में कंकाल मिलने से सनसनी फैल गई। पुलिस ने कंकाल को कब्जे में लेकर पीएम के लिए भेज दिया। यह कंकाल इंसान का है या जानवर का इसकी पुष्टि करने के साथ ही अब डीएनट टेस्ट कराकर जांच में पुलिस जुटी है। डीएनए के बाद ही इस मामले में एफआईआर दर्ज कर आगे की कार्रवाई की जाएगी।
	
	
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