लखनऊ

इलाज के लिए जादू-टोने को लेकर असम सरकार हुई सख्त, कैबिनेट से प्रतिबंध लगाने वाले विधेयक को दी गई मंजूरी

 

संवाददाता रंजीत कुमार सोनू पाल सज्जाद टाइम्स लखनऊ

लखनऊ, असम सरकार इलाज के नाम पर किए जाने वाले जादू-टोने को लेकर सख्त हो गई है। सरकार ने उपचार के नाम पर ‘जादुई उपचार’ की प्रथाओं को प्रतिबंधित करने का फैसला लिया है। उसने इस तरह के उपचार को समाप्त करने के लिए एक विधेयक को मंजूरी दे दी है।इस विधेयक में ऐसे उपचारकर्ताओं के खिलाफ कठोर दंडात्मक कार्रवाई का प्रावधान है। बता दें, यह निर्णय मुख्यमंत्री हिमंत विश्व सरमा की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में लिया गया।बैठक में लिए गए निर्णयों को साझा करते हुए सरमा ने कहा कि कैबिनेट ने एक समर्पित सतत विकास कार्यक्रम के लिए 10 शहरों/कस्बों का भी चयन किया और राज्य नगरपालिका कैडर में सुधार लाने का प्रस्ताव रखा। वहीं, मंत्रिपरिषद ने ‘असम उपचार (बुराइयों की रोकथाम) प्रथा विधेयक, 2024’ को मंजूरी दे दी। इस विधेयक का उद्देश्य बहरापन, गूंगापन, अंधापन, शारीरिक विकृति और ऑटिज्म जैसी कुछ जन्मजात बीमारियों के इलाज के नाम पर जादुई उपचार की प्रथाओं को प्रतिबंधित करना और समाप्त करना है। मुख्यमंत्री सरमा ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर कहा, ‘जादूई उपचार पर पूरी तरह प्रतिबंध लगाया जाएगा। इलाज के नाम पर गरीब और दलित लोगों से जबरन वसूली करने वाले चिकित्सकों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।’सतत शहरी विकास के लिए 10 शहरों के विकास (दो शहर-एक रूपायन) की अवधारणा शुरू की जाएगी। इसके कार्यान्वयन की निगरानी और समीक्षा राज्य स्तरीय संचालन समिति द्वारा की जाएगी। इसके अलावा, कैबिनेट ने असम नगरपालिका अधिनियम 1956 में संशोधन को मंजूरी दी, जिसके माध्यम से तीन राज्य नगरपालिका कैडरों की भूमिकाओं और जिम्मेदारियों को परिभाषित किया जाएगा। वहीं, इसने वीडीओ में सुधार के लिए ‘असम ग्राम रक्षा संगठन (संशोधन) विधेयक, 2024’ को भी मंजूरी दी।

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