सारे इंसान एक माता-पिता की सन्तान और खून शरीक भाई हैं: मेराज अहमद कमर

उर्दू खबरे

 

फतेहपुर बाराबंकी। प्रत्येक भारतीय नागरिक को महात्मा गांधी के जीवन से मार्गदर्शन प्राप्त कर सत्य, अहिंसा, त्याग और बलिदान के रास्ते पर चल कर दुनिया को अपना बना लेना चाहिए; उक्त विचार गाँधी जयंती के अवसर पर कमर फाउन्डेशन के तत्वाधान में आयोजित “महात्मा गांधी और धार्मिक सहिष्णुता” को संबोधित करते हुए मौलाना मेराज अहमद कमर ने व्यक्त किए. उन्होंने दुनियाभर में प्रचलित सभी धर्मों के हवाले से बताया कि इस धरती पर आने वाले सारे इंसान एक दूसरे के खून शरीक भाई एक माता पिता की सन्तान हैं. यही वजह है कि हम एक दूसरे के दुख में बिना बुलाए चल पड़ते हैं। अध्यक्षता कर रहे जमात ए इस्लामी के सदस्य हाफिज अब्दुल हई ने अपने विचार रखते हुए कहा कि मोहम्मद साहब के पगचिन्हों पर चल कर प्रेम, सद्भावना और सहिष्णुता स्थापित की जा सकती है। प्रेम और मानवता से बढ़कर कुछ नहीं है। आपसी सौहार्द कायम रखना हम सबकी ज़िम्मेदारी है। सद्गुरु आश्रम के महन्त लक्षमेन्द्र दास ने अपने सम्बोधन में कहा कि मनुष्य वही है जो दूसरे मनुष्य के काम आए और समाज में परेशान व्यक्ति के दुःख दर्द में शरीक हो। आज कुछ लोग समाज में नफरत की राजनीति कर रहे हैं लेकिन वो कभी अपने मकसद में कामयाब नहीं हो सकते। कमर फाउंडेशन उत्तर प्रदेश की जानिब से ये सद्भावना कार्यक्रम हिन्दू मुस्लिम एकता को मजबूत कर रहे हैं, और मानवता का संदेश दे रहे हैं। निश्चित तौर पर समाज और देश को इन कार्यक्रमों से लाभ होगा। कार्यक्रम का संचालन शिक्षक, समाजसेवी एवं मशहूर शायर अहमद सईद हर्फ़ ने किया। इस अवसर पर प्रधान दिनेश कुमार रावत, कमलेश चन्द्र वर्मा, मुबारक अली, हरि प्रसाद, मोहम्मद रफ़ीक़, देवी शरण, नसरुल्लाह, जगत राम कोटेदार, राशिद अली, हंसराज, मो0 असलम खान, इज़हार अहमद, रेहान राइन, मो0 आरिफ आदि लोग भारी संख्या में उपस्थित रहे।

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