लखनऊ। बंथरा इलाके में बुधवार को डीसीएम चालक सहित उस पर सवार करीब 10 युवकों द्वारा रोडवेज बस में तोड़फोड़ व नगदी लूटने के मामले की विवेचना करने पहुंचे दरोगा से आरोपी डीसीएम चालक व उसके परिवार वालों ने हाथापाई कर दी।
मुमताज़ अहमद लखनऊ
इतना ही नहीं आरोपियों ने थाने पर डीसीएम ले जाने से मना कर दिया। बाद में पुलिस फोर्स बुलाने के बाद किसी तरह बंथरा पुलिस डीसीएम और उसके चालक को पड़कर थाने ले जा सकी। इस मामले में जांचकर्ता उपनिरीक्षक कृष्ण पाल सिंह ने बंथरा के सिकंदरपुर निवासी डीसीएम चालक राजकुमार व उसकी पत्नी के अलावा उसके बेटे सम्राट चौधरी और उसकी बेटी के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई है। उप निरीक्षक कृष्ण पाल सिंह का कहना है कि वह बीते दिनों घटना की जांच करते हुए जब बुधवार रात करीब 8:30 बजे राजकुमार के घर पहुंचे तो डीसीएम चालक राजकुमार और उसकी पत्नी व पुत्री के अलावा उसका बेटा सम्राट चौधरी ने अन्य आरोपियों के नाम बताने से मना कर दिया। इतना ही नहीं आरोप है कि पूरा परिवार उत्तेजित होकर दरोगा से हाथापाई पर उतर आया। जब डीसीएम को थाने पर दाखिल करने के लिए ले जाने की कोशिश की गई, तो चालक राजकुमार ने डीसीएम को थाने ना ले जाने की धमकी भी दी। इसके बाद बंथरा थाने पर सूचना देकर पुलिस फोर्स बुलाया गया। तब घटना में प्रयुक्त की गयी डीसीएम (यूपी 32 क्यूएन 8965) और उसके मालिक राजकुमार व उसके बेटे सम्राट चौधरी को थाने पर ले जाया गया। फिलहाल पुलिस ने डीसीएम को चीज करने के साथ ही राजकुमार और उसके बेटे सम्राट को गिरफ्तार का जेल भेज दिया है। बताते चलें कि बीते बुधवार को चारबाग से सवारी लेकर उन्नाव जिले के पुरवा जा रही रोडवेज बस के चालक रामू और डीसीएम चालक के बीच सरोजनीनगर में स्कूटर इंडिया चौराहे के पास ओवरटेक को लेकर विवाद हो गया था। इसके बाद डीसीएम चालक और उस पर सवार करीब 10 लोगों ने रोडवेज बस को बंथरा इलाके में रोक कर उसके शीशे तोड़ दिए। साथ ही परिचालक के पास मौजूद 5 हजार रुपये की नगदी लूट ली थी। इस मामले में रोडवेज बस चालक रामू की ओर से डीसीएम नंबर के आधार पर रिपोर्ट दर्ज कराई गई थी। इसी डीसीएम नंबर के आधार पर दरोगा कृष्ण पाल सिंह मामले की जांच करने बंथरा के सिकंदरपुर गए थे।