राजधानी लखनऊ के सरोजनी नगर सरकारी अस्पताल मे ना मरीजो को बैठने की बेवस्था है और नहीं मिलती है पूरी दवाईया डाक्टर लिखते है बाहर के लिए दवा
संवाददाता सज्जाद टाइम्स लखनऊ
सरकार भले ही सरकारी स्वास्थ्य केन्द्रों में सभी प्रकार की दवाइयां उपलब्ध कराने के साथ ही वहां की व्यवस्थाएं मजबूत करने के लिए अधिकारियों को समय समय पर निर्देश देती रहती है। लेकिन इसके बावजूद मातहतों पर सरकार के इस आदेशों का कोई असर नहीं पड़ता नजर आ रहा है। यही वजह है कि स्वास्थ्य केन्द्रों पर लगातार अव्यवस्थाओं का बोलबाला रहता है। उदाहरण के तौर पर सरोजनीनगर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र ही काफी है। यहां जहां मरीजों को बैठने की उचित व्यवस्था तक नहीं उपलब्ध है, वहीं मरीजों को पूरी दवाएं भी नहीं मिल पा रही हैं। उन्हें बाहर मेडिकल स्टोर से खरीदनी पड़ रही हैं। मंगलवार को सरोजनीनगर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर पेट की समस्या से परेशान पहुंची पास के ही हाइडिल निवासी मीरा श्रीवास्तव को चिकित्सक द्वारा लिखी गई 3 दवाओं में से एक दवा अस्पताल में नहीं मिल सकी। बल्कि वह दवा उसे बाहर मेडिकल स्टोर से खरीदनी पड़ी। इसी तरह अवध विहार कॉलोनी निवासी प्रमोद सिंह ने सरोजनीनगर सीएचसी पर बताया कि वह आँख से परेशान है और उसकी दवा लेने सीएचसी आए थे। लेकिन वहां उन्हें आंख में डालने का ड्रॉप नहीं मिल सका। प्रमोद का कहना है कि अस्पताल में मौजूद चिकित्सकों ने उसे बाहर से ड्राप खरीदने की सलाह दी है। उन्होंने बताया कि उन्हें आंख की दवा लेने के लिए घंटों अस्पताल में बैठ कर इंतजार करना पड़ा। लेकिन इसके बावजूद आंख की दवा देने के बजाय चिकित्सकों ने उन्हें पेरासिटामोल टेबलेट पकड़ा कर वापस भेज दिया। वहीं सबसे ज्यादा दिक्कत अस्पताल में मरीजों को बैठने की है। यहां पर बैठने के लिए उचित व्यवस्था ना होने के कारण मरीजों को जमीन पर ही बैठ कर इंतजार करना पड़ता है। उधर इस मामले में सरोजनीनगर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के अधीक्षक अंशुमान श्रीवास्तव ने दवाओं की कमी से साफ इनकार किया है। उनका कहना है कि अस्पताल में आंखों के लिए 9 हजार ड्रॉप होने के अलावा अन्य दवाएं भी उचित मात्रा में उपलब्ध हैं।