गोरखपुर : निकाय चुनाव को लेकर सभी दल ताबड़तोड़ रैलियां कर रहे हैं। सपा सप्रीमो अखिलेश यादव रविवार को गोरखपुर पहुंचे। अखिलेश ने सीएम योगी आदित्यनाथ पर निशाना साधते हुए कहा, ”आज ये लोग माफियाओं की चार्जशीट और मुकदमों की सूची दिखा रहे हैं। असल मुद्दों से भटकाने के लिए लोगों को हिंदू- मुस्लिम में उलझाए हुए हैं। अगर मुख्यमंत्री जी ने अपने मुकदमे वापस न लिए होते तो कितनी बड़ी सूची होती। गोरखपुर का नंबर:1 कौन होता?”
अखिलेश ने कहा, ”’गोरखपुर में ट्रैफिक पुलिस की कोई जरूरत नहीं है। यहां सांड खुद ही ट्रैफिक संभाले हुए हैं। कई बार यहां की तस्वीर भी सामने आती रही है। सड़कों पर सांड घूम रहे हैं। यह किसकी जिम्मेदारी है? लेकिन, मुख्यमंत्री जी इस पर बात नहीं करते। इसलिए सवाल करना जरूरी है।”
‘मेट्रो का स्टेशन कहां बन रहा है’
अखिलेश ने कहा, ”यूपी में ऐसी सरकार, जो 6 साल के कार्यकाल में ना नाला बना पाई हो, पानी निकास का इंतजाम न करा पाई हो, जो विकास का इंतजाम नहीं कर पाई हो, वो पार्टी कैसे उम्मीद करती है कि उनके पक्ष में मतदान होगा। गोरखपुर के लोगों को मैं याद दिलाना चाहता हूं कि यह वही मुख्यमंत्री हैं, जिन्होंने कहा था कि हम गोरखपुर में मेट्रो चलाएंगे। अब गोरखपुर वालों आप ही बताओ, मेट्रो का स्टेशन कहां बन रहा है?”
अखिलेश यादव ने सपा की महापौर प्रत्याशी काजल निषाद के पक्ष में वोट करने की अपील की।
गोरखपुर एक्सप्रेस-वे से जुड़ा होता तो आज मैं हवाई जहाज से नहीं आता
उन्होंने सरकार पर तंज कसते हुए लोगों से पूछा, ‘आप बताओ, यहां कूड़ा हटा या नहीं….नालियां साफ हुई या नहीं…नालियों को सीवर में जोड़ा गया या नहीं…क्या इसके लिए सरकार आपसे टैक्स ले रही है या नहीं?
अखिलेश ने कहा, ”भाजपा वाले बोलते थे कि आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस-वे में बहुत भ्रष्टाचार हुआ है। गोरखपुर वालों बताओ…आपके लिए लिंक एक्सप्रेस-वे बन रहा था, बना या नहीं बना? अगर लिंक एक्सप्रेस-वे गोरखपुर से जुड़ा होता तो आज हम हवाई जहाज से नहीं, सड़क मार्ग से उतनी ही देर में गोरखपुर आ गए होते।’
असल मुद्दों से भटका रही भाजपा
अखिलेश ने कहा, ”मुख्यमंत्री जी 46 को 56 जानते हैं। लेकिन, हम आपको बताकर जा रहे हैं। 90 किलोमीटर की सड़क 5 हजार करोड़ रुपए से बन रही है। क्या-क्या हिसाब-किताब लगा रहे हैं ये लोग, यह कौन सा हिसाब-किताब चल रहा है? कई बार मॉल में सामान खरीदने जाओ तो एक के साथ दो सामान फ्री मिल जाता है, कहीं ऐसा ही हिसाब-किताब तो नहीं कर रहे ये लोग?”
यहीं से हो रही है 2024 चुनाव की शुरुआत
अखिलेश यादव ने कहा, ”निषादों की मदद करिए आप लोग और यहीं से 2024 के चुनाव की भी शुरुआत हो रही है। जो निषाद समाज के लोग कहते हैं, हम तो जानते हैं एक बार यहीं बगल में आए थे। उस वक्त यहां निषाद समाज के नेता कहते थे, मठ हमारा है। निषाद राज का स्थान है। हम उतनी बड़ी लड़ाई तो नहीं लड़ सकते, हां लेकिन हम इतनी छोटी लड़ाई तो लड़ सकते हैं कि एक निषाद समाज की महिला को महापौर तो बना ही सकते हैं।”
जाति जनगणना हो और सबमें मलाई बंट जाए
‘सपा चीफ ने कहा, ”2018 के उपचुनाव में भी निषाद प्रत्याशी को समाजवादियों ने ही जिताया था और जो लोग हम लोगों पर आरोप लगाते हैं तो याद करके देखो, अगर किसी ने पिछड़ों और दलितों को अपमानित किया है तो वह भारतीय जनता पार्टी के लोग हैं। हम कहते हैं, जाति जनगणना होनी चाहिए। लेकिन, जब हम यह बात करते हैं तो इन लोगों को सांप सूंघ जाता है।
ये कहते हैं, जाति जनगणना क्या चीज होती है। अगर यह आरोप हम लोगों पर लगाते हैं कि सबसे ज्यादा मलाई हम लोगों ने ले ली है। तो हम कहते हैं, हम नहीं लेना चाहते हैं। हम तो कहते हैं, सबकी गिनती हो जाए और उसके हिसाब से मलाई सभी में बंट जाए। आबादी में निषाद समाज ज्यादा है।’
बाबा की सरकार में महंगाई और बेरोजगारी का बोलबला
पूर्व सांसद सुरेंद्र यादव के पुण्य तिथि पर रविवार को अखिलेश यादव संतकबीरनगर पहुंचे। 59 मिनट के कार्यक्रम में उन्होंने भाजपा सरकार पर निशाना साधा। अखिलेश ने कहा, ‘अभी गोरखपुर एयरपोर्ट से निकलकर संतकबीरनगर सड़क से होकर आया हूं। गोरखपुर एयरपोर्ट से संतकबीरनगर तक पूरे रास्ते मे योगी का गोरखधंधा देखते आया हूं। बाबा की सरकार में महंगाई और बेरोजगार का बोलबाला है।
कबीर के दोहे से भाजपा पर साधा निशाना
अखिलेश यादव ने कबीर दास का दोहा पढ़ा। उन्होंने कहा, ऐसी बानी बोलिए, मन का आपा खोए। आप ही शीतल हों, हम भी शीतल होए। अखिलेश ने कहा कि यह दोहा गोरखपुर विशेषकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भूलने के साथ उनके पूरी पार्टी भूल गई। झूठ की यह पार्टी हो गई है।
उन्होंने कहा, योगी जी कहते है कि 100 छात्र पर 4 बेरोजगार है, लेकिन उनको यह नहीं पता कि 100 पर 96 बेरोजगार हैं। आने वाले लोकसभा में जनता इसका जवाब देगी। समाजवादी का पूर्वांचल एक्सप्रेस अपना बताने वाले योगी एक्सप्रेस-वे कहां से निकालकर कहां ले जा रहे हैं, वही जानें। इसमें केवल धन का बंदरबाट किया जा रहा है।