लखनऊ

हिंदुत्व के एजेंडे से पीछे नहीं हटेगी BJP! तीसरी बार सत्ता में आने के लिए इन मुद्दों पर रहेगा मोदी सरकार का फोकस

रिपोटर अमन कुमार सोनू पाल सज्जाद टाइम्स लखनऊ

लखनऊ, 17वीं लोकसभा पिछले शनिवार को समाप्त हो गई। इस दौरान सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने आगामी आम चुनावों में हैट्रिक बनाने का विश्वास जताया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि उनकी पार्टी लोकसभा चुनाव में भारी बहुमत से जीत हासिल करेगी।पीएम मोदी ने सदन में यह भी कहा कि हमारा तीसरा कार्यकाल बहुत बड़े फैसलों का गवाह बनेगा।पीएम मोदी ने सदन में यह भी कहा, ‘हमारा तीसरा कार्यकाल बहुत बड़े फैसलों का गवाह बनेगा और अगले 1000 सालों के लिए एक मजबूत नींव रखेगा।’ उनका यह बयान ‘मोदी सरकार 3.0’ द्वारा अपने कार्यकाल के दौरान उठाए जाने वाले साहसिक एजेंडे का पूर्वाभास देता है। 17वीं लोकसभा भी कम घटनापूर्ण नहीं रही क्योंकि इसमें भाजपा की कुछ प्रमुख वैचारिक परियोजनाएं अंजाम तक पहुंचीं। इसकी शुरुआत जम्मू-कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले आर्टिकल 370 को निरस्त करने के साथ हुई।इसके अलावा तीन तलाक को अपराध घोषित करना और 2019 में ही नागरिकता संशोधन अधिनियम (CAA) को लागू करना, पीएम मोदी के दो कार्यकाल में लिए गए बड़े फैसले रहे। अब पार्टी ने अपने समान नागरिक संहिता (UCC) एजेंडे को लागू करना शुरू कर दिया है, जो धारा 370 के साथ-साथ उसके शुरुआती मूल मुद्दों में से एक है। उत्तराखंड विधानसभा द्वारा हाल ही में यूसीसी विधेयक को मंजूरी दिए जाने के बाद इसे अन्य भाजपा शासित राज्यों द्वारा पेश किया जाना तय है।भाजपा के शीर्ष नेता दावा करते रहे हैं कि मोदी सरकार 3.0 एक हजार सालों के लिए भारत की महिमा की नींव रखने के लिए बड़े सुधारों पर ध्यान केंद्रित करेगी। ऐसे ही 17वीं लोकसभा का आखिरी सत्र भाजपा द्वारा चुनावों के लिए माहौल तैयार करने के लिए हिंदुत्व का बिगुल बजाने के साथ समाप्त हुआ। लोकसभा और राज्यसभा के अध्यक्षों ने राम मंदिर के अभिषेक के शुभ अवसर पर पूरे देश को एकजुट करने में अद्वितीय भूमिका निभाने के लिए पीएम मोदी की प्रशंसा की, जिस पर दोनों सदनों ने चर्चा की। पीएम ने कहा कि इस पर प्रस्ताव पारित होने से आने वाली पीढ़ियों को देश के मूल्यों पर गर्व महसूस करने की संवैधानिक ताकत मिलेगी।कई बीजेपी नेता स्वीकार करते हैं कि पार्टी अपने हिंदुत्व अभियान को धीमा नहीं करेगी, भले ही वह 370 सीटों के साथ सत्ता में लौट आए जोकि पीएम मोदी द्वारा निर्धारित लक्ष्य है। इसकी मूल आवाज़ पार्टी के रोडमैप को निर्धारित करेगी, जिसने पहले ही नारा लगाना शुरू कर दिया है, ‘अयोध्या तैयार है, अब काशी और मथुरा की बारी है।’ जबकि आरएसएस ने अभी तक काशी और मथुरा विवाद पर कोई रुख नहीं अपनाया है, संघ परिवार के कई लोग कहते रहे हैं कि भगवान राम की तरह, भगवान कृष्ण और भगवान शिव भी देश की पहचान को परिभाषित करते हैं।

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