- भाजपा और निषाद पार्टी गठबंधन में चुनाव लड़ेगी- डॉ संजय निषाद
- प्रदेश सरकार मछुआ समाज के सर्वागीण विकास के लिए तत्पर
- कोर्ट पेशी पर- न्यायपालिका पट पूर्ण विश्वास, मछुआ समाज को मिलेगा न्याय- डॉ संजय निषाद
गोरखपुर : आज दिनांक 03 अप्रैल 2023, दिन सोमवार को मा० राष्ट्रीय अध्यक्ष, निषाद पार्टी एवं कैबिनेट मंत्री (मत्स्य विभाग) उ०प्र० सरकार डॉ संजय कुमार निषाद जी जनपद गोरखपुर के दौरे के दौरान एनेक्सी भवन सभागार में प्रेसवार्ता को संबोधित करते हुए कहा कि गोरखपुर परिक्षेत्र के सभी जिलों की निषाद पार्टी कार्यकर्ताओं की समीक्षा बैठक बुलाई गई थी। उन्होंने कहा कि आगामी चुनाव निकाय और लोकसभा में पार्टी की स्थिति और कार्यकर्ताओं को आगामी चुनावों के लिए तैयार रहने के लिए बैठक में जीत और सुनिश्चित करने की चर्चा की गई है। उन्होंने बताया कि निषाद पार्टी और भारतीय जनता पार्टी का गठबंधन है और निषाद पार्टी गठबंधन के साथ ही आगामी चुनावों में उतरेगी। श्री निषाद जी ने बताया कि निकाय के सभी बड़े शहरों की 20 फीसदी आबादी मछुआ बाहुल्य है और लगभग 50 नगर परिषद मछुआ बाहुल्य है, ऐसे में सहभागिता तो निषाद पार्टी की भी बनती है और जल्द ही एक हफ्ते के भीतर प्रदेश के मा० मुख्यमंत्री जी और मा० प्रदेश अध्यक्ष बीजेपी के समक्ष रखी जायेगी।
श्री निषाद जी ने बताया कि प्रदेश सरकार मछुआ समाज के सर्वागीण विकास के लिए हर संभव प्रयास कर रही है। जिस प्रकार 10 सालो में पहली बार प्रदेश सरकार के सांस्कृतिक विभाग द्वारा श्रृंगवेरपुर धाम पर मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्री राम जी के आत्मबाल सखा महाराजा गुह्यराज निषाद जी की जयन्ती को चैत्र शुक्ल पंचमी पर भव्य और विशाल बनाया गया है उससे यह स्पष्ट होता है कि पूर्व की सरकारो ने मछुआ समाज के सांस्कृतिक धरोहर, राजनीतिक हत्या, और आर्थिक अपंगता करने की कोशिश की थी। प्रदेश सरकार मा० मुख्यमंत्री जी के नेतृत्व में मछुआ समाज का उत्थान करने का कार्य कर रही है। श्री निषाद जी ने कार्यकर्ताओं को गोरखपुर में आयोजित 13 जनवरी संकल्प दिवस और श्रृंगवेरपुर धाम, प्रयागराज में 26 मार्च को आयोजित महाराजा गुह्यराज जयंती की अपार सफलता के लिए कार्यकताओ को धन्यवाद भी ज्ञापित किया।
श्री निषाद जी ने आज गोरखपुर MP/MLA कोर्ट में पेशी के सवाल पर कहा कि हमे न्यायपालिका पर पूर्ण विश्वास है। मैं बाबा साहेब के संविधान पर पूर्ण निष्ठा रखता हूं। पूर्व की सरकार ने मुझे और मेरे साथियो को फर्जी मुकदमे में फसाने की पूर्ण कोशिश की है किंतु हम संविधानवादी लोग न्यायालय के न्याय पर विश्वास रखते है। 2015 के कसरवल आंदोलन को लेकर पूर्व की सरकार के लिए मुझे तो राष्ट्रीय कवि की कविता याद आती है।।
“जब नाश मनुज पर छाता है।”
“तो पहले विवेक मर जाता है।।”
उन्होंने कहा कि पूर्व की सरकारों ने कसरवल के नाम पर बेकसूर निषादों को फसाने की कोशिश की थी आज उनका जो हश्र हुआ है यह जगजाहिर है, सामाजिक न्याय की लड़ाई के लिए मुझे आजीवन कारावास भी काटनी हो तो निषाद पार्टी और कार्यकर्ताओं की फौज पीछे नही हटेगी और हम अपने न्याय के लिए न्यायपालिका पर पूर्ण निष्ठा से विश्वास करते हैं।