मेराज अहमद कम
संस्थापक
कमर फाउंडेशन उत्तर प्रदेश
अग्निपथ योजना सशस्त्र बलों की तीनों सेवाओं में कमीशन अधिकारियों के पद से नीचे के सैनिकों की भर्ती के लिए भारत सरकार द्वारा शुरू की गई योजना है जिसकी घोषणा 16 जून 2022 को की गई थी। इस योजना की घोषणा के बाद से ही यह लोगों में चर्चा का एक विषय बन गई है। यद्यपि इस योजना के आने पर सेना में नौकरी करने वाले इच्छुक नौजवानों ने इस योजना का स्वागत किया है पर इसके विपरीत कुछ लोगों, जिन्हें पूरी जानकारी नहीं है, ने अज्ञानता वश इसका विरोध भी किया है। इस विरोध को कुछ तथाकथित विघटनकारी तत्वों ने विरोध का सुनहरा अवसर समझ कर मुसलमानों को भड़काने का प्रयास भी किया है। जिससे बहुत से मुस्लिम नौजवानों, जो सेना में नौकरी करने के इच्छुक हैं, ने इससे दूर रहने का फैसला कर लिया है जो कि अत्यंत चिंताजनक विषय है।
वास्तव में जब हम योजना की मूल भावना का अवलोकन करते हैं तो पाते हैं कि यह मुसलमान नौजवानों के लिए कई तरह से फायदेमंद है। इसके लिए मुस्लिम बुध्दिजीवियों, अइम्मा-ए-मसाजिद, समाज सेवकों को चाहिए कि मुस्लिम नवजवानों को जो हाई स्कूल, इंटर, या उच्च शिक्षा प्राप्त हैं को तकरीर तहरीर के माध्यम से देश के विभिन्न भागों में इसकी अच्छाइयों का प्रसार कर बेरोजगार शिक्षित नवजवानों को प्रेरित करें ! अगर मुसलमान हर सरकारी इसकीम का बहिष्कार करते रहेंगे तो वह समाज में अकेले पड़ जायेंगे और उनमें हीन भावना विकसित हो जाएगी कि वे देश की सेवा करने में सक्षम नहीं है। ऐसे समय में आवश्यकता इस बात की है कि हमें इस बात का प्रचार प्रसार करना चाहिए कि वर्तमान में और पूर्व में भी बहुत से मुस्लिम सैन्य अधिकारियों/सैनिकों ने अपनी योग्यता का लोहा मनवाया है और विभिन्न युद्धों में भाग लिया है।
इस योजना की खास बात ये है कि नौजवानों की भर्ती मेरिट के आधार पर होगी इसमें इसमें जात पात और धर्म के आधार पर आरक्षण नहीं होगा, सैनिकों को अग्निवीर के नाम से जाना जाएगा, यह सेवा 4 वर्ष की होगी जिसमे नौकरी के दौरान 11 लाख 72 हजार रुपए और नौकरी के बाद 11 लाख 71 हजार रुपये मिलेंगे। २५% अग्निवीरों को उनकी कौशलता के आधार पर स्थाई किया जाएगा और उनको बाकी जवानों की तरह पेंशन और अन्य सुविधाएं मिलेंगी। इसके अतिरिक्त अन्य अग्निवीरों को उनकी कौशलता के अनुरूप स्किल सर्टिफिकेट दिया जाएगा जो भविष्य में उनके लिए रोजगार के नए अवसर देगा।इसके अतिरिक्त सेवा के दौरान किसी अनहोनी होने पर 48 लाख रुपए का बीमा होगा।
इस योजना से बड़ी तादाद में योग्य मुस्लिम नौजवानों को नौकरी मिलेगी जिससे वर्तमान में मुस्लिम नवयुवकों की बेरोजगारी की समस्या कम होगी तथा इसके साथ ही मुसलमानों में बढ़ती हुई अशिक्षा एवं स्कूल छोड़ने की समस्या में सुधार होगा। इस योजना के आने के बाद मुस्लिम जो की प्रायः अपनी रोजी-रोटी कमाने के उद्देश्य से छोटे छोटे व्यवसाय जैसे चाय, पेंटर, बढ़ई, नाई, मोटर स्कूटर मैकेनिक इत्यादि में लग जाते हैं; उन्हें ऐसा न करके एक सम्मानित राष्ट्र सेवा का अवसर प्राप्त हो सकेगा। साथ ही नौकरी के बाद एक अच्छी धनराशि भी मिलेगी जिससे कोई अपना व्यवसाय कर सकेंगे और परिवार एवं समाज के लिए एक प्रेरणा स्रोत बनेंगे।