कर्बला में यकजहती और यादगारी का सफर

पिछले सालों की तरह इस साल भी इराक की सर जमीन नज़फ पर करोड़ो इमाम हुसैन के ज़ायरीन पूरी दुनिया से हर मजहब, मिल्लत हर कौम के लोग इमाम हुसैन के चेहल्लुम (अरबाइन) के मौके पर इकट्ठा हुए हैं और वह नज़फ से कर्बला इमाम हुसैन के रौज़े तक कुल 80 किलोमीटर पैदल चल रहे हैं नज़फ से इमाम हुसैन के रौज़े कर्बला तक पहुंच कर इमाम हुसैन के रौज़े की जियारत करेंगे, यहां यह बता देना जरूरी है कि नज़फ से कर्बला के रास्ते में इराकी हज़रात सभी ज़ायरीन के खाने पीने, सोने, रहने का इंतजाम खुद अपने से करते हैं और बिना किसी हदिये (खर्च) के हिफाजत के साथ खातिरदारी करते हैं , यहां तक की ज़ायरीन के पैरों की मालिश,भी लोगों को रोक रोक कर करते हैं , ज़ायरीन को हाथ जोड़ जोड़कर रोकते हैं और उनके खिदमत करते हैं , यहां इराकी गवर्नमेंट के भी तारीफ की जाती है कि पूरा सरकारी अमला इन ज़ायरीन की हिफाजत में लगा रहता है और बेहद गर्मी के बावजूद पानी का छिड़काव रास्तों को धूप से बचाव के लिए जगह-जगह छाजन, जगह-जगह हॉस्पिटल, टॉयलेट्स, सब बना रखे हैं साथ ही पूरी मिलिट्री फोर्स जगह-जगह तैनात है और ज़ायरीन की पूरी तौर से हिफाजत कर रही है, यह सारा मंजर यूट्यूब और गूगल पर भी देखा जा सकता है, इस मौके पर गोरखपुर से भी 2 साल की बच्ची के साथ 8 लोग नज़फ से कर्बला तक अपने मुल्क का झंडा लेकर पैदल सफर तय कर रहे हैं, और अपने मुल्क के तरक्की की दुआ भी मांग रहे हैं।

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