सज्जाद टाइम्स न्यूज़
आज दिनांक 18 सितम्बर को चारबाग
अंतर्गत स्थित रवींद्रालय प्रेक्षागृह में प्रदेश भर के 10 लाख गोरखा समुदाय के सबसे पुराने संगठन भारतीय गोरखा सेवा समाज उत्तर प्रदेश, लखनऊ के तत्वाधान में हरतालिका तीज महिला समिति की अध्यक्ष अम्रता शाह,सचिव सावित्री खत्री,महामंत्री जीवेश उपाध्याय सहित अन्य द्वारा मा. महापौर श्रीमती सुषमा खर्कवाल जी की उपस्थिती में शिव पार्वती पूजन,भजन कीर्तन,प्रसाद वितरण कर वृहद रूप से हरतालिका तीज उत्सव समारोह का आयोजन किया गया।
उक्त कार्यक्रम में गोरखा समाज के लोगों द्वारा मा. महापौर जी का स्वागत सत्कार स्मृति चिन्ह देकर व उनका सम्मान अंग वस्त्र प्रदान कर किया गया।आयोजन की शुरुआत पुरोहित जीव नारायण खनाल द्वारा व्रत महिलाओं एवं पुरुषों को विधिवत पूजन अर्चन,आरती करवा कर की गई। आयोजन में मौजूद सभी ने खड़े होकर जागरण गीत गाया। उसके बाद महिलाओं एवं बाल कलाकारों द्वारा विभिन्न प्रस्तुतियां जैसे-शिव वंदना, शंकर भोले,बम-बम भोले,तीज रमाइलों गीत गायन की प्रस्तुतियां भी की गईं।
हरितालिका कजरी तीज उत्सव के इस शुभ अवसर पर मा. महापौर ने सभी श्रद्धालु श्रोताओं को संबोधित करते हुए कहा कि मैं गोरखा समाज के साथ हूं,गोरखाओं के हर सुख-दुख में सदैव आपके साथ हूं। भरोसा दिलाया कि मैं गोरखाओं के बीच आकर बहुत गौरवान्वित महसूस कर रही हूं। आयोजन में गोरखा समाज के लोगों द्वारा अपनी कुछ मांगे सामने रल्हन पर मा. महापौर ने गोरखा समाज की सभी मांगों को पूरी करवाये जाने से आश्वस्त किया।इस पश्चात उन्होंने हरतालिका तीज के महत्व और महिमा के बारे में भी लोगों को अवगत कराया।उन्होंने कहा कि सनातन धर्म में भाद्रपद मास की शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को यह पवित्र हरतालिका तीज व्रत रखा जाता है। ऐसी मान्यता है कि महिलाएं इस व्रत को अखंड सौभाग्य और सुखी दांपत्य जीवन के लिए रखती हैं। इस व्रत को सभी व्रतों में कठिनतम व्रत माना जाता है क्योंकि इस व्रत को महिलाएं निर्जला रहकर करती है।
आयोजन का समापन भाजपा नेता एवं भारतीय गोरखा सेवा समाज के प्रदेश उपाध्यक्ष श्री गौरव सिंह ने सभी का धन्यवाद एवं आभार व्यक्त कर किया।
हरितालिका कजरी तीज उत्सव के आयोजन में
परवर्तीय महापरिषद के अध्यक्ष श्री गणेश चंद्र जोशी जी एवं पूर्व अध्यक्ष श्री भवन सिंह रावत जी सहित उत्तर प्रदेश के विभिन्न जिलों के गोरखा समुदाय के लोग एवं कार्यकर्ता,पदाधिकारियों सहित गोरखा समुदाय के लोगों सहित अन्य श्रद्धालु व गणमान्य लोग उपस्थित रहे।