गोरखपुर : मजनू की आलोचना ने उर्दू को एक नयी दिशा दी – प्रो0 शाहिद हुसैन

गोरखपुर : यासमीन शरीफ वेल्फर सोसायटी गोरखपुर व  उत्तर प्रदेश उर्दू अकादमी लखनऊ के संयुक्त तत्वाधान में आज शहर के सैयद हामिद अली हाल “अगाशे हमीदिया” घासीयात्रा में एक मजनूं गोरखपुरी पर व्याख्यान का आयोजन किया गया। तत्पश्चात मुशायरे की भी आयोजन किया गया ।
डॉक्काटर अज़ीज़ अहमद की अध्यक्षता में सपन्न कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में जवाहर लाल यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर मोहम्मद शाहिद हुसैन, विशेष आमंत्रित अतिथि के रूप में चौधरी कैफुल वरा, विशिष्ठ अतिथि के रूप में प्रोफेसर चितरंजन मिश्र, डॉक्टर दरख्शां ताजवर एवं महबूब सईद हारिस उपस्थित थे ।
कार्यक्रम की शुरुआत हाफिज नासिरुद्दीन ने तिलावते कलाम पाक से किया। कार्यक्रम का संचालन फर्रुख जमाल ने किया।  कार्यक्रम के आयोजक डॉ अशफ़ाक़ अहमद उमर ने कार्यक्रम का उद्देश्य बताया और उत्तर प्रदेश उर्दू  अकादेमी के सेक्रेटरी आदिल और शौक़त के साथ पूर्व चेयरमैन चौधरी कैफुल वरा का धन्यवाद किया।
इस अवसर पर डॉ अशफ़ाक़ अहमद उमर की किताब का विमोचन अतिथियों द्वारा किया गया। शहर के सुप्रसिद्ध डॉ निधि खेतान, डॉ दुष्यंत सिंह एवं डॉ सर्वात जमाल को सम्मान किया गया |
प्रोफेसर शाहिद हुसैन ने अपने संबोधन में कहा की मजनूँ के बनाये उसूल पर आज उर्दू अदब काम कर रहा है उन्हें पूरी दुनिया एक बड़ा आलोचनकार, अनुवादक के रूप में जानती है ।
प्रोफेसर चित्तरंजन मिश्र ने कहा कि मजनूँ कोई मामूली नाम नहीं उन्हें हम सब जब विद्यार्थी थे तब से सुनते आ रहे हैं, और हमारे बड़ों ने भी उनके सम्बन्ध में जो बातें बताई है वो उनकी शख्सियत को बहुत बड़ा बनती हैं।
डॉ दरख्शां ने एक रिसर्च पेपर भी पढ़ा जिसको कार्यक्रम में खूब पसंद किया गया ।
महबूब सईद हरिस ने कहा की वो हमारे कॉलेज में उस्ताद भी थे उनकी बड़ी क़ुरबानी शामिल है, हम सबको फख्र है की वो गोरखपुर के थे ।
अंत में  डॉ अज़ीज़ ने मजनू गोरखपुरी से अपने पारिवरिक सम्भन्ध के बारे में भी बताया।
मुशायरे में असीम गोंडवी, अनवर ज़िआ, डॉ अब्दुल हक़ इमाम, सलाम फौज़ी, आसिफ सईद, जलाल समानी, फरीद क़मर, दिशा श्रीवास्तव, शाकिर अली, डॉ. रुश्दा, हाफ़िज़ नसीरुद्दीन, डॉ. शोएब नदीम, डॉ ज़ैद कैमूरी आपने अपने कलाम से समय को वाह वाह करने पर मजबूर कर दिय1.
इस अवसर पर चौधरी हाफिज अयाज अहमद, मसरूर जमाल, अब्दुल्ला सेराज, आमिर अब्बासी चौधरी उमैर, डॉ. महबूब हसन, प्रोफेसर बदरे आलम, अरशद जलाल समानी, अलमास औकात, अनीस अहमद, डॉ. इजहार, हाफिज इनामुल्लाह, हाफ़िज़ इस्मतुल्लाह, क़ाज़ी कलीमुल्लाह, कामिल सहित शहर के गण्यमान नागरिक उपस्थित मौजूद हो कर पूरे कार्यक्रम को सफल बनाया।
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