गोरखपुर/जबलपुर : गैलेंट समूह की कंपनियों की छानबीन के दौरान सामने आए चौंकाने वाले तथ्यों के बाद आयकर विभाग की जांच का दायरा बढ़ता नजर आ रहा है। कई वरिष्ठ आइएएस व आइपीएस अधिकारियों पर भी आयकर की नजर रहेगी। गैलेंट ग्रुप के प्रबंध निदेशक चंद्र प्रकाश अग्रवाल के करीबी कर्मचारियों में शामिल रहा शोभित मोहन दास न सिर्फ व्यवसाय में उनका साझेदार बन चुका था, बल्कि वरिष्ठ अधिकारियों में फैले नेटवर्क का भी राजदार है। शोभित का एक फ्लैट लखनऊ के शालीमार गैलेंट अपार्टमेंट में भी है, जहां आयकर विभाग छानबीन कर चुका है।
सूत्रों का कहना है कि शोभित के मोबाइल फोन में कई वरिष्ठ आइएएस व आइपीएस अधिकारियों की वाट्सएप पर लंबी चॅटिंग मिली है। अब चैटिंग के तथ्यों को खंगाला जा रहा है कि उनके बीच क्या डील चल रही थी। पचास से अधिक अधिकारी आयकर विभाग के निशाने पर आ गए हैं। आशंका है कि अधिकारियों ने अपनी पूंजी गैलेंट समूह में खपाने के साथ ही बेनामी संपत्तियां जुटाई हैं। कई अधिकारी रियल एस्टेट के कारोबार में उनके मददगार रहे हैं। समूह में सपा शासनकाल के दौरान कई नेताओं द्वारा भी बड़ा निवेश किए जाने के तथ्य भी सामने आए हैं। जिन्हें लेकर आयकर विभाग ने चंद्र प्रकाश अग्रवाल समेत कुछ अन्य लोगों से लंबी पूछताछ की है।
आयकर की टीमों ने बुधवार को गैलेंट समूह के 60 से अधिक ठिकानों पर छापेमारी की थी, जिसके बाद से उसकी छानबीन लगातार जारी है। आयकर ने 8591 शनिवार को भी गोरखपुर स्थित चंद्र प्रकाश अग्रवाल के बंगले समेत कई ठिकानों पर अपनी जांच जारी रखी। जांच में सामने आया है कि विभिन्न शेल कंपनियों के जरिए उत्तर प्रदेश व गुजरात में संपत्तियां खरीदी गई हैं। शेल कंपनियों में बैकडेट में पेमेंट कर उनके खातों से नकदी लेकर संपत्तियों की खरीद-फरोख्त की गई थी। अब तक 100 करोड़ रुपये से अधिक की संपत्तियां सामने आ चुकी है,जबकि 500 करोड़ रुपये से अधिक की कर चोरी पकड़ी गई है। आयकर ने कई बिंदुओं पर चंद्र प्रकाश अग्रवाल से पूछताछ करने के साथ ही कई संपत्तियों व बड़े निवेश को लेकर भी सवाल- जवाब किए हैं। चंद्र प्रकाश का भाई प्रेम प्रकाश गोरखपुर में रहकर कारोबार में हाथ बंटाता है, जबकि दूसरा भाई दिनेश अग्रवाल गुजराज का कारोबार संभालता है। परिवार के ही अन्य सदस्यों व कर्मचारियों के नाम कई शेल कंपनियां खोली गई थी।