लखनऊ

 

 

लखनऊ गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी ने उठाई माँग – भरतपुर पुलिस स्टेशन ओडिशा के पुलिस अधिकारियों पर हत्या के प्रयास, छेड़छाड़ और यौन उत्पीड़न के तहत एफआईआर दर्ज हो

 

संवाददाता राजेश कुमार सोनू पाल सज्जाद टाइम्स लखनऊ

लखनऊ। गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के अध्यक्ष राजिंदर सिंह बग्गा, महासचिव हरपाल सिंह को, कानूनी सलाहकार जसबीर सिंह राजू बख्शी एडवोकेट ने ओडिशा सरकार से भरतपुर थाने की पुलिस के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है। कमेटी ने हाल ही में ओडिशा में एक महिला वकील, जो भारतीय सेना के कैप्टन गुरवंश सिंह गोसल की मंगेतर और ब्रिगेडियर अंतर्यामी प्रधान की बेटी के साथ पुलिस अधिकारियों द्वारा किए गए अत्याचारों की निंदा की। घटना की रात वहां मौजूद सभी पुलिस कर्मियों के खिलाफ हत्या के प्रयास, छेड़छाड़, और यौन उत्पीड़न के तहत एफआईआर दर्ज करने की मांग की गई है।

ओडिशा पुलिस और सरकार पर गंभीर आरोप लगाते हुए कमेटी के महासचिव हरपाल सिंह जग्गी तथा जसबीर सिंह राजू बख्शी एडवोकेट ने कहा सरकार और पुलिस हमेशा से राज्य के नागरिकों खस्तोर से सिख समुदाय और बाहरी लोगों के साथ रूखा और क्रूर व्यवहार करते रहे हैं। वर्ष-2019 , 2020 में, नवीन पटनायक की बीजू जनता दल सरकार ने ओडिशा में हमारे पहले गुरु, गुरु नानक देव जी से संबंधित ऐतिहासिक गुरुद्वारा मंगू मठ साहिब की इमारत और परिक्रमा क्षेत्र को ध्वस्त कर दिया था। इसके खिलाफ सिख समुदाय, एस.जी.पी.सी, अकाल तख्त और लखनऊ गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी ने विरोध प्रदर्शन किया था।सिख युवा सरदार परविंदर पाल सिंह पर हुए हमले का जिक्र करते हुए हरपाल सिंह ने कहा मंगू मठ गुरुद्वारे की अवैध तोड़फोड़ के खिलाफ आवाज उठाने पर परविंदर पाल सिंह पर जानलेवा हमला किया गया था और पुलिसकर्मी घटनास्थल पर मौजूद होने के बावजूद कोई कार्रवाई नहीं की थी।लखनऊ गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के अध्यक्ष राजिंदर सिंह बग्गा ने कहा ओडिशा में कानून व्यवस्था का कोई अस्तित्व नहीं है। मुख्यमंत्री नवीन पटनायक और मुख्यमंत्री मोहन चरण माजी के शासनकाल में पुलिस आम नागरिकों पर अत्याचार करने में संलिप्त रही हैं। यह जंगल राज है जहाँ ‘जिसकी लाठी, उसकी भैंस’ का नियम चलता है।कमेटी के कानूनी सलाहकार जसबीर सिंह राजू बक्शी ने बताया कि सुप्रीम कोर्ट ने पूरे भारत में पुलिस थानों में नाइट विज़न सीसीटीवी कैमरों की स्थापना के निर्देश दिए हैं,ल।जिनकी रिकॉर्डिंग कम से कम 6 महीने तक रखनी अनिवार्य है।महिला वकील के साथ हुए यौन उत्पीड़न और मारपीट की घटना में पुलिस अधिकारियों ने बड़ी क्रूरता का परिचय दिया है और इस पर बार काउंसिल ऑफ इंडिया को हस्तक्षेप करना चाहिए। कमेटी के प्रवक्ता सरदार सतपाल सिंह तेजपाल सिंह रोमि, और उपाध्यक्ष इंदर सिंह ने कहा भरतपुर पुलिस स्टेशन के पांच पुलिस अधिकारियों का निलंबन महज एक औपचारिकता है। ओडिशा सरकार और पुलिस का रवैया विशेष रूप से सिख समुदाय के प्रति हमेशा से कठोर रहा है। हम राष्ट्रपति प्रधानमंत्री और भारत के मुख्य न्यायाधीश से इस मामले में न्याय की अपील करते हैं। सभी दोषी पुलिसकर्मियों पर हत्या के प्रयास, छेड़छाड़ और यौन उत्पीड़न के तहत आपराधिक मामले दर्ज किए जाएं और उन्हें तुरंत बर्खास्त किया जाए।”इस सन्दर्भ में लखनऊ गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी का ग्यापन माननिया राष्ट्रीय पति, माननिया प्रधान मंत्री, माननिया मुख्यमंत्री ओडिशा और उत्तर प्रदेश सरकार को तथा बार काउंसिल ऑफ इंडिया को भेजा जा रहा है lइस मौके पर वीर सिंह दुग्गल, गुरमीत सिंह सिंपल, नवलजीत सिंह नागपाल, सुरिंदर सिंह छाबड़ा भी शामिल रहे l

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