लखनऊ। बंथरा इलाके में एक महिला ने फर्जी दस्तावेज तैयार कर दूसरे की जमीन बेच दी।
मुमताज़ अहमद सज्जाद टाइम्स लखनऊ
क्रय करने वाले को इसकी भनक लगने पर जब उसने महिला से अपनी रकम वापस मांगी तो उसने जान से मारने की धमकी दी। परेशान पीड़ित ने घटना की सूचना बंथरा पुलिस को दी। लेकिन पुलिस ने रिपोर्ट नहीं दर्ज की। इससे परेशान पीड़ित ने पुलिस उच्चाधिकारियों से गुहार लगाई, लेकिन फिर भी नहीं ध्यान दिया गया। इसके बाद उसने न्यायालय का सहारा लिया। न्यायालय के आदेश पर बंथरा पुलिस ने रिपोर्ट दर्ज कर ली है। तालकटोरा के राजाजीपुरम स्थित राम विहार कॉलोनी, पारा रोड निवासी जयंत कुमार भारती के मुताबिक उसने 4 जनवरी 2022 को बंथरा के हरौनी निवासी महिला रामश्री से खसरा संख्या 13, कुल रकबा 22480 हेक्टेयर का चौथाई हिस्सा रकबा 0.5620 हेक्टेयर जमीन खरीद कर उसकी रजिस्ट्री कराई थी। जयंत का कहना है कि 15 अप्रैल 2023 को बंथरा थाने के हरौनी चौकी इंचार्ज से उसे पता चला कि उक्त बैनामा से संबंधित धोखाधड़ी का एक प्रार्थना पत्र उसके खिलाफ मिला है। यह भनक लगने पर जब पीड़ित ने महिला रामश्री के बारे में पता लगाया तो पता चला कि रामश्री ने अपने हिस्से से अधिक भूमि का बनाना उसके नाम कर दिया और उसकी पूरी रकम भी उसने ले ली। जयंत की माने तो पता करने पर मालूम हुआ कि महिला रामश्री ने इससे पहले 15 जून 2004 को अपने ससुर सुंदरलाल से खुद व रामदुलारी के पक्ष में एक-एक बीघा जमीन का बैनामा कराया था और रामदुलारी को सुंदरलाल के द्वारा जो एक बीघा जमीन मिली उसने उस जमीन को अमौसी गांव के भगवान दीन के हाथों 22 अप्रैल 2009 को बेच दिया। लेकिन इसके बावजूद रामश्री ने उस जमीन को भी अपनी बताकर जयंत के नाम रजिस्ट्री कर दी। आरोप है कि रामश्री ने खुद को उक्त जमीन के चौथाई हिस्से की हिस्सेदारी फर्जी तरीके से बतायी। जबकि वह 1 /8 भाग की हिस्सेदार है। जयंत का कहना है कि यह सारी जानकारी होने के बाद जब उसने 18 अप्रैल 2023 को रामश्री से मिलकर उसके बारे में पूछा तो वह भड़क गई और उसने उसकी रकम वापस करने के बजाय कहीं भी शिकायत करने पर जान से मारने की धमकी देने के साथ ही फर्जी मुकदमे में फंसा कर बर्बाद करने की भी धमकी दी। इसके बाद पीड़ित ने बंथरा थाने में इसकी शिकायत की। लेकिन बंथरा पुलिस ने पीड़ित की रिपोर्ट नहीं दर्ज की। बाद में 8 मई 2023 को पुलिस कमिश्नर के यहां शिकायत की, लेकिन कुछ नहीं हुआ। इसके बाद उसने न्यायालय की शरण ली।