यूपी के इस गांव अनूसूचित जनजाति के लोगों को पानी भरना मना, ग्राम प्रधान का फरमान 

उत्तर प्रदेश लखनऊ

धीरेन्द्र शुक्ला
चित्रकूट: बुंदेलखंड के चित्रकूट में जहां पर पानी की प्यास को बुझाने के लिए लोग अपना घर छोड़कर अन्य राज्यों में जाकर बस रहे हैं. तो कहीं कुंवारे लड़कों की शादियां तक नहीं हो रही है. यह कहानी चित्रकूट जिले की कई सदियों से चली आ रही है. सबसे बड़ी बात यहां पर सिर्फ पानी की समस्या से लोग जूझते हुए नजर आ रहे हैं. वहीं, जिले के कई गांवों में आज भी अनुसूचित जनजाति के लोग छुआछूत का दंश झेलते हुए पानी की समस्या से जूझ रहे हैं.

देश को आजाद हुए 75 साल हो गए हैं. इसके बावजूद आज भी अनुसूचित जनजाति के लोगों छुआछूत का दंश झेल रहे हैं. इसके लिए सरकारें आई और कई सरकारें चली गई लेकिन आज तक चित्रकूट में पानी की प्यास बुझाने वाला कोई नहीं आया. ऐसे में सवाल उठता है कि जहां पर लगातार सरकारें दावा करती है पानी को ग्रामीणों तक पहुंचाने के लिए लेकिन बुंदेलखंड के चित्रकूट में आज भी पानी के लिए लोग तरस रहे हैं.

अनुसूचित जनजाति के लोगो को पानी भरना मना है
चित्रकूट जिला के कर्वी तहसील के अंतर्गत कर्वी माफी सोनेपुर गांव बसा हुआ है. चित्रकूट जिला मुख्यालय से लगभग 4 किलोमीटर के अंदर यह गांव बसा हुआ है. इस गांव में एक हैंडपंप लगा हुआ है जिस पर गांव के प्रधान का साफ कहना है कि आप लोग अनुसूचित जनजाति के हो इसलिए इसमें पानी भरना मना है. वहीं महिलाओं का कहना है कि हम लोग अनुसूचित जनजाति होने की वजह से हमें अपनी प्यास बुझाने के लिए प्रधान द्वारा नल में पानी नहीं भरने दिया जा रहा है.

ऐसे में पीड़ित महिलाओं ने आज चित्रकूट के डीएम कार्यालय में जाकर धरना प्रदर्शन और हल्ला बोल किया है. लेकिन अभी तक अधिकारियों द्वारा किसी प्रकार की मदद नहीं की गई है.

अनूसूचित ग्रामीण महिला गुड़िया के बयान
NEWS 18 लोकल ने जब अनसूचित महिला गुड़िया से जानकारी किया तो महिला ने बताया कि हम लोग कई बार नल में गए लेकिन कभी हमारी बाल्टी तो कभी टंकियां फेंक दी जाती हैं. ग्राम प्रधान का साफ तौर पर कहना है कि आप लोग अनुसूचित जनजातियों हो इसलिए इस नल को छूना पाप है. ऐसे में हम लोग अपनी प्यास कहां भुजाएं. हम लोग लगातार दर-दर की ठोकरे खा रहे हैं लेकिन हमारी मदद करने के लिए कोई भी अधिकारी सामने नहीं आ रहा है. यह अभी की कहानी नहीं है लगभग कई वर्षों से इसी तरह हम लोग अपनी तकलीफ है.

गांव में ग्रामीणों की संख्या
इस गांव में लगभग 2000 ग्रामीण निवास करते हैं. जिसमें अनुसूचित जनजाति के लोग अधिक निवास करते हैं. ऐसे में ग्राम प्रधान की गुंडई लगातार हावी है. अनुसूचित जनजाति के लोगों को पानी भरने नहीं दिया जा रहा है. ऐसे में ग्रामीण अनुसूचित जनजाति की महिलाएं परेशान है.

NEWS 18 ने उप जिलाधिकारी कर्वी राजबहादुर से फोन पर वार्ता किया तो उन्होंने बताया कि मौके पर गांव में ईओ को भेजा जा रहा है और जांच करने के बाद जो भी तथ्य सामने आएंगे. उसके बाद कार्रवाई की जाएगी. हम ग्रामीण के साथ है, ऐसा यदि हो रहा है तो उसके खिलाफ कार्रवाई प्रशासन द्वारा की जाएगी.

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Tags: Chitrakoot News, Uttar pradesh news

FIRST PUBLISHED : March 21, 2023, 21:33 IST

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