गोरखपुर : फ़िराक़ गोरखपुरी की पुण्य तिथि पर मुशायरे का आयोजन

गोरखपुर उत्तर प्रदेश उर्दू खबरे
गोरखपुर : फ़िराक़ लिट्रेरी सोसायटी गोरखपुर के तत्वाधान में फ़िराक़ गोरखपुरी की पुण्य तिथि 03 मार्च 2024 के अवसर पर,आल इंडिया मुशायरे एवं “फ़िराक़ सम्मान”2024 का आयोजन किया गया। एम.एस.आई इंटर कालेज के सभागार में आयोजित इस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि जनाब चौधरी कैफूलवारा, (पूर्व चेयरमैन उत्तर प्रदेश उर्दू अकादमी,लखनऊ) तथा विशिष्ट अतिथि के रूप में डॉ. अज़ीज़ अहमद उपस्थित थे। कार्यक्रम का संचालन महबूब सईद हारिस एवं मोहम्मद फ़र्रुख़ जमाल ने किया।
इस अवसर पर का फ़िराक़ लिट्रेरी अवॉर्ड 2024 लखनऊ के मशहूर शायर वासिफ़ फ़ारूक़ी को, हामिद अली अवॉर्ड 2024, दिल्ली के शायर डॉ.गुरविंदर बांगा को, एम कोठियावी राही अवॉर्ड आज़मगढ़ के शायर मैकश आज़मी को और यूसुफ अब्बासी अवॉर्ड ,ज़फ़र अमीन डक्कू को दिया गया ।
इस के अलावा शहर के साहित्य प्रेमी और समाजसेवी, डॉ.बृजेंद्र नारायण,डॉ.राकेश श्रीवास्तव, अचिंत्या लहड़ी,भूपेंद्र दिवेदी और सैय्यद वालिउल इक़बाल को भी “साहित्य गौरव सम्मान” से सम्मानित किया।
कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए वरिष्ठ पत्रकार एवं शायर महेश अश्क ने कहा कि फ़िराक़ गोरखपुरी को मैने बहुत क़रीब से देखा और सुना है। फ़िराक़ गोरखपुरी ने भारतीय संस्कृति के विभिन्न रंगों को अपनी शायरी में बहुत खूबसूरती से पेश किया है।
डॉ. अज़ीज़ अहमद ने बताया कि फ़िराक़ गोरखपुरी का मुशायरों में कलाम पढ़ने का अपना एक अलग अंदाज़ था, क्या मजाल थी कि फ़िराक साहब पढ़ रहे हों और कोई चूं भी कर दे।
फिराक़ लिट्रेरी सोसायटी, गोरखपुर के अध्यक्ष महबूब सईद हारिस ने कहा कि रघुपति सहाय फ़िराक़ गोरखपुरी ने जीवन के यथार्थ को संजीदगी से बयान किया है। फ़िराक़ के शेर आज भी बहुत कुछ बयां करते हैं “मौत का भी इलाज हो शायद, ज़िदगी का कोई इलाज नहीं”
मशहूर शायर वासिफ फारूकी ने कहा कि फिराक साहब अंग्रेज़ी के प्रोफेसर थे , लेकिन उन्होने उर्दू जुबान के बड़ी खिदमत की है।उर्दू ग़ज़ल को नई बुलंदी देना वाला शायर फ़िराक गोरखपुरी है ।
गुरुग्राम से पधारे डॉक्टर गुरविंदर बांगा ने कहा कि फ़िराक़ साहब कि लेखनी में मुहब्बत का रंग झलकता और उससे भारतीय संस्कृति की खुशबू आती थी।
मुशायरे में वासिफ़ फ़ारूक़ी, डॉ.गुरविंदर बांगा, महेश अश्क, डॉ.ज़ैद कैमूरी,अनवर ज़िया,मैकश आज़मी, जलाल अहमद सामानी, नदीमुल्लाह अब्बासी नदीम, आसिफ सईद और सलीम मज़हर ने अपना कलाम पेश किया।
फ़िराक़ गोरखपुरी की पुण्य तिथि आयोजित मुशायरे में विशेष रूप से मोहम्मद इफ्राहीम,डॉ.ताहिर अली सब्ज़पोश, काज़ी तवस्सुल हुसैन, ज़फ़र अहमद ख़ान, सय्यद आसिम रऊफ,मसरूर जमाल, ऐजाज़ अहमद, क़ाज़ी कलीमुलहक़,डॉ.दरख़्शां ताजवर,इम्तियाज़ अब्बासी, इंजीनियर रफ़ी अहमद, क़ाज़ी अब्दुर्रहमान, रिज़वानुल्लाह ख़ान,क़ाज़ी मोहम्मद उमैर, मोहम्मद युसुफ़, फ़िरोज़ आलम फारूकी, अनवार आलम, डॉ.अशफ़ाक़ अहमद उमर, डॉ.राशिद, हमीद लाजवाब, ख़्वाजा नासिर अली, आदि समेत नगर के साहित्य प्रेमी और बुद्धिजीवी उपस्थित थे।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *