गोरखपुर : “कला आचार्य” चित्रकला प्रदर्शनी 2023 का कुलपति ने किया शुभारंभ, सांस्कृतिक गतिविधियों के लिए कल्चरल क्लब का शीघ्र होगा गठन : कुलपति

गोरखपुर उत्तर प्रदेश
गोरखपुर : दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो पूनम टंडन ने आज विश्वविद्यालय की अमृत कला वीथिका में राज्य ललित कला अकादमी (संस्कृति विभाग, उ.प्र.) एवं ललित कला एंव संगीत विभाग, गोरखपुर विश्वविद्यालय के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित “कला आचार्य” चित्रकला प्रदर्शनी 2023 का शुभारंभ किया।
इस अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में कुलपति ने विश्वविद्यालय में बढ़े स्तर पर सांस्कृतिक कार्यक्रमों के नियमित आयोजन के लिए एक कल्चरल क्लब के शीघ्र गठन की घोषणा की। उन्होंने कहा कि यह क्लब ललित कला एवं संगीत विभाग के मार्गदर्शन में संचालित होगा।
प्रदर्शनी को देखने के बाद कुलपति ने कहा यह बहुत सुंदर एक प्रयास है। पेंटिंग किसी भी स्थान को जीवंत बनाती है।
कला भावनाओं का सबसे बेहतर प्रदर्शन है। कुलपति ने कहा कि कला के माध्यम से समाज सुधार किया जा सकता है।
कला के माध्यम से करें विश्वविद्यालय की ब्रांडिंग
ललित कला एवं संगीत विभाग से कुलपति ने कहा कि आप कला के माध्यम से विश्वविद्यालय की ब्रांडिंग करें।
आप सब कुछ इनोवेटिव सोचिए। नैक का लोगो तथा लेटर हेड डिज़ाइन करे, एक फॉन्ट स्टैंडर्ड बनाये जिससे एकरूपता आये और जो यूनिवर्सिटी का सिग्नेचर बने।
कुलपति ने कहा कि वो प्रयास करेंगी जिससे ललित कला एवं संगीत विभाग को एक संकाय बनाया जाए। प्रो टंडन ने यह भी कहा कि विभाग से मिलने वाली स्नातक तथा परास्नातक डिग्री को प्रोफेशनल डिग्री का दर्जा मिले इस दिशा में भी प्रयास किया जाएगा।
35 कला आचार्यों की कृतियां प्रदर्शित
कला आचार्य प्रदर्शनी में कुल 35 कला आचार्यों की कृतियां प्रदर्शित की गई इसमें 31 चित्र तथा चार आकर्षक मूर्तियां सम्मिलित थी। प्रदर्शनी के अवलोकन के दौरान मुख्य अतिथि को अनेक कृतियां प्रभावशाली लगीं। प्रो टंडन ने कहा कि कलाकार समाज का महत्वपूर्ण अंग होता है वह अपनी कला के माध्यम से समाज का मार्गदर्शन करता है। कलाकृतियां मानव जीवन को बेहतर और खूबसूरत बनाती हैं।
यह भी कहा कि भारत के अधिकांश विश्वविद्यालय में बी०एफ०ए०(बैचलर ऑफ फाइन आर्ट) तथा बी० वी० ए०(बैचलर आफ विजुअल आर्ट) जैसे 4 वर्षीय कोर्स संचालित किए जाते हैं मैं पूरा प्रयास करूंगी की गोरखपुर विश्वविद्यालय में भी फाईन आर्ट से संबंधित यह कोर्स संचालित हो जिससे यहां के छात्र-छात्राओं का समग्र कलात्मक विकास हो सके।
अधिष्ठाता कला संकाय प्रो कीर्ति पांडे ने कहा कि लंबे समय बाद अमृता कला वीथिका में प्रदर्शनी का आयोजन हो रहा है यह बहुत ही सुखद यहां हमेशा कलात्मक गतिविधि आवश्यक है इससे नवोदित कलाकार लाभान्वित होंगे । विशिष्ट अतिथि ललित कला विभाग के पूर्व अध्यक्ष प्रो सत्येंद्र कुमार सिंह ने कहा कि प्रदर्शनी में कलाकारों ने अलग-अलग विषयों पर अपने भावनाओं के अनुरूप कलाकृतियों का सृजन किया है जो अत्यंत ही मनमोहक एवं संदेश परख है । प्रदर्शनी की संयोजिका प्रो उषा सिंह ने कहा कि कुलपति प्रो पूनम टंडन के सफल नेतृत्व में हमारा कला विभाग तथा गोरखपुर विश्वविद्यालय निश्चित ही अपने शिखर पर होगा। इस अवसर पर कुलसचिव प्रोफेसर शांतनु रस्तोगी, पूर्व कला अधिष्ठाता प्रोफेसर नंदिता आई०पी० सिंह, डॉ गौरी शंकर चौहान, डॉ०प्रदीप साहनी, डॉ० शुभांकर दे, डॉ प्रदीप राजोरिया, डॉ०महेंद्र कुमार सिंह, डॉ० कुसुम रावत, डॉ० शैलेश सिंह, शोध छात्र अमन कुमार रौनियार, अजय कुमार, चंदन सिंह, देवानंद गुप्ता, मनिंद्र साहनी, कीर्ति वर्मा, प्रगति चौधरी तथा अनेक कला आचार्य और छात्र/ छात्राएं मौजूद रहें।

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