माहे रमज़ान के पहले जुमे को आसिफी मस्जिद में रोज़ादारों ने बड़ी तादाद में शिरकत की

उर्दू खबरे लखनऊ

लखनऊ 24 मार्च: माहे रमज़ान के पहले जुमे को आसिफी मस्जिद लखनऊ में बड़ी तादाद में रोज़ादारों ने नमाज़े जुमा में शिरकत की। नायब इमामे जुमा मौलाना सै० सरताज हैदर ज़ैदी ने इमामत के फ़राएज़ अंजाम दिए। उन्होंने रोज़ेदारों को तक़वा-ए-इलाही और इबादते ख़ुदा की नसीहत करते हुए कहा कि रोज़ा सिर्फ भूके प्यासे रहने का नाम नहीं हैं बल्कि खुवाहिशते नफ़्स पर क़ाबू पाना भी रोज़ादार के लिए ज़रूरी हैं। उन्होंने कहा के रोज़ा हराम अमल से परहेज़ करने का नाम हैं। जिस तरह इंसान खाने पीने से पूरे दिन परहेज़ करता है उसी तरह हराम काम को अनजान देने से भी परहेज़ करे।

मौलाना ने कहा कि रोज़े की फ़ज़ीलत के लिए यही काफ़ी हैं कि क़ुरआने मजीद में अल्लाह ने “साहिबाने ईमान” कह कर हमे रोज़े का हुक्म दिया हैं। मौलाना ने कहा कि माहे रमज़ान सब्र करने का महीना हैं और सब्र करने का सिला जन्नत हैं। मौलाना ने कहा कि शरीयत ने सहरी और इफ़्तार का हुक्म दिया है इसलिए ज़रूरी है कि हम ज़रुरत मंदों तक सहरी और इफ़्तार पहुँचाये। ऐसा न हो कि हम अपने पेट का ख़्याल तो रखे लेकिन ज़रुरत मंद भूके रह जाये।

1 thought on “माहे रमज़ान के पहले जुमे को आसिफी मस्जिद में रोज़ादारों ने बड़ी तादाद में शिरकत की

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *