*नया भारत, श्रेष्ठ भारत के लिए आपसी इत्तेहाद एक अहम हिस्सा* सरवर नईम

उर्दू खबरे उत्तर प्रदेश

हमारी प्राचीन सभ्यता और भारतीय संस्कृति वसुधैव कुटुंबकम् की आधार शिला पर आधारित ‘एक भारत, श्रेष्ठ भारत’ की मजबूत नींव पर खड़ी आलिमी जगत के लिए एक बेहतरीन भवन की तरह है। यहां विभिन्न भाषाओं और मजहबों, वेष भूषा और उसमे भी अलग- अलग मान्यताओं के गंगा-जमुना के संगम की शीतल धारा है। इस देश की विशेषता है कि कभी-कभी धाराओं के विपरीत भी हवा चलने पर इस संगम के जल की शीतलता कम नहीं होती। हम अपनी भाई चारे की संस्कृति को कभी टूटने न दे, इस दृढ़ संकल्प में हमेशा प्रयत्नशील रहते हैं जिसके लिए हम समस्त देश वासी सारी दुनिया के लिए अहम मिशाल है। हमारे विभिन्न उपासना पद्धति को ले कर कभी कभी मतभेद भी होते है, पर मन भेद कभी न हो। इत्तेहाद की मिसाल को धूमिल करने या उसको खत्म करने की कालांतर में कई कोशिशें भी हुई हैं, जिसे विदेशी ताकतों ने कुछ अपने ही भारत के लोगो को गुमराह कर, अपने मकसद साधने की कोशिश की पर हमारी अविरल गंगा जमुना की धारा को कोई रोक नहीं सका। इसके लिए इस देश के महान नागरिक निश्चित रूप से धन्यवाद के पात्र हैं, जिन्होंने अलग अलग मजहबों और भाषाओं के होने के बावजूद भी रंग बिरंगे फूलों को कभी मुरझाने नही दिया। मुस्लिम भाइयों द्वारा हिन्दू भाइयों के साथ होली खेलना , कांवर यात्रा में कांवरियों को पानी पिलाना, उनका स्वागत करना; जहां हमारी संस्कृति को मजबूत करता है, वहीं हिंदू भाइयों द्वारा रमजान जैसे पवित्र अवसरों पर मुस्लिम भाइयों के साथ इफ्तार करना, ईद में गले मिलकर उनके साथ खुशी बांटना, बीमारी के समय बिना मजहब देखे रक्त दान करना, एक दूसरे के धर्म और पूजा पद्धति का सम्मान करना अदभुत उदाहरण पेश करते हैं। इस परंपरा को बढ़ाते हुए और उसे मजबूत करने की कोशिश करते रहने से ही हमारी नया भारत, श्रेष्ठ भारत की परिकल्पना साकार होगी।

मजहब नही सिखाता, आपस में बैर रखना, हिंदी है हम वतन है, हिंदुस्तान हमारा। सारे जहा से अच्छा हिंदुस्तान हमारा।।

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