गाँधी नेहरू की धड़ामनिरपेक्षता
राजेश कुमार विजय पाल सज्जाद टाइम्स लखनऊ
दिल्ली में हज़रत बख्तियार काकी की दरगाह को 1947 के भड़के दंगों में कुछ क्षति पहुंचाई गई थी। उसे देखने के लिए 27 जनवरी 1948 को महात्मा गांधी महरौली स्थित काकी की दरगाह में गए थे। उसे देखने के बाद गांधी ने नेहरु जी को निर्देश दिए कि वे इस दरगाह की मरम्मत करवाएं नेहरू ने तुरंत दरगाह की मरम्मत और सौंदर्यीकरण के लिए उन दिनों सरकार के कोष से 50 हजार रुपए आवंटित करवाएं। उस समय यह एक बहुत बड़ी रकम हुआ करती थी। ये थी नेहरू की धर्मनिरपेक्षता!सोमनाथ_मंदिर तो मुगल आक्रांताओं द्वारा कई बार तोडा गया था, लेकिन इसके पुनरोद्धार के लिये नेहरु ने तो कभी 50 रुपये भी नहीं दिये थे कहाँ सोमनाथ और कहाँ एक मामूली शख्स की कब्र इसी से साबित हो जायेगा कि नेहरू और गांधी की धर्मनिरपेक्षता का दोहरा चरित्र कैसा है