साक्षरता निकेतन परिसर, मे ‘साक्षरता संग्रहालय’ के निर्माण हेतु भूमि-पूजन एवं शिलान्यास

उत्तर प्रदेश

 

उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ के शैक्षिक क्षितिज में एक नया आयाम जुड़ रहा है । इण्डिया लिटरेसी बोर्ड के साक्षरता निकेतन परिसर में निर्मित हो रहा नया ‘साक्षरता संग्रहालय शिक्षा एवं साक्षरता के क्षेत्र में एक अभिनव स्तम्भ होगा।

तीन मंजिला इस संग्रहालय में कुल 07 गैलरीज होंगे। साक्षरता गैलरी में जहाँ भारत में प्राचीन काल से वर्तमान तक साक्षरता-यात्रा को दर्शाया जायेगा, वहीं बाल गैलरी में छोटे बच्चों के लिए रोचक एवं सुगम इन्टरैक्टिव माध्यमों से सीखने का अनुभव उपलब्ध कराया जायेगा ।

ओरियन्टेशन गैलरी में संग्रहालय के विषय में समग्र रूप से समस्त

जानकारी आगन्तुकों को प्रदान की जायेगी। इसमें सोविनियर शॉप, कैफेटेरिया तथा उच्च श्रेणी का सुलभ प्रसाधन भी होगा। सामुदायिक एवं कार्यात्मक साक्षरता गैलरी में विभिन्न कालखण्डों में विभिन्न

समुदायों के मध्य साक्षरता का प्रभाव भी प्रदर्शित किया जायेगा ।

धारणीय (टिकाऊ) वास्तुशैली वाली गैलरी में लारी बेकर स्टाईल के पर्यावरणीय अनुकूल वास्तु शैलियों का प्रदर्शन होगा।

इसके अतिरिक्त इसमें संग्रहाध्यक्षों के भी कक्ष होंगे, जिनके द्वारा संग्रहालय का समुचित रख-रखाव एवं प्रबन्धन किया जायेगा ।

इण्डिया लिटरेसी बोर्ड के अध्यक्ष संजय आर भूसरेड्डी( सेवानिवृत्त आईएएस) ने साक्षरता निकेतन, कानपुर रोड, लखनऊ के परिसर में साक्षरता संग्रहालय के निर्माण हेतु भूमि-पूजन एवं शिलान्यास किया गया। उन्होंने बताया कि यह योजना संस्कृति मंत्रालय, भारत सरकार के द्वारा स्वीकृत की गई है, जिसके निर्माणोपरान्त लखनऊ को एक नया पर्यटन उत्पादन प्राप्त हो जायेगा, जो कि सामान्य – जनमानस एवं शिक्षा-साक्षरता से जुड़े लोगों के लिए ही नहीं, बल्कि देशी-विदेशी पर्यटकों के लिए भी आकर्षण का एक प्रमुख केन्द्र होगा ।

उन्होंने आगे कहा कि यह संग्रहालय अपने प्रकार का भारत में प्रथम एवं अभिनव संग्रहालय होगा। इसमें साक्षरता की प्राचीन काल से लेकर वर्तमान समय तक की अविरल यात्रा को दर्शाया जायेगा। यह संग्रहालय भारत में इण्डिया लिटरेसी बोर्ड एवं साक्षरता निकेतन की स्थापना वर्ष 1953 में करने वाली महान विभूति वेल्दी फिशर को सच्ची श्रद्धांजलि होगी, जिनके द्वारा साक्षरता निकेतन परिसर को उस समय के अन्तर्राष्ट्रीय ख्याति प्राप्त वास्तुविद लॉरी बेकर के माध्यम से एक आदर्श साक्षरता ग्राम के रूप में बसाया गया था। लॉरी बेकर के इसी डिजाईन से प्रेरणा लेकर साक्षरता संग्रहालय की डिजाईन को तैयार किया गया है।

श्री भूसरेड्डी ने बताया कि संग्रहालय में सभी गैलरीज को बहुत शोध के बाद चिन्तनपूर्वक डिजाईन किया गया है। इसमें संग्रहालय के पारम्परिक तकनीक के साथ ही साथ अत्याधुनिक तकनीकों, आडियो-विजुअल एवं मल्टी-मीडिया तकनीकों का भी प्रयोग किया गया है, जो इसे कौतूहलपूर्ण एवं आकर्षक बनाते हैं। इसका बिल्ट-अप एरिया 1689 वर्गमीटर है तथा कुल लागत लगभग ₹10.00 करोड़ है, जिसमें भारत सरकार द्वारा ₹ 05.00 करोड़ एवं इण्डिया लिटरेसी बोर्ड द्वारा ₹05.00 करोड़ की सहभागिता की जा रही है।

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