बाबा साहब के विचारों और जीवन दर्शन का प्रचार प्रसार करने का हम सब लें संकल्प।
– बी डी चौधरी
पं0दीन दयाल उपाध्याय राज्य ग्राम्य विकास संस्थान बख्शी का तालाब ,लखनऊ द्वारा बोधिसत्व ,भारत रत्न, बाबा साहब डा0 भीमराव अम्बेडकर जी की जयन्ती के शुभ अवसर पर एक वैचारिक संगोष्ठी का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में संस्थान के समस्त अधिकारियों और कर्मचारियों द्वारा बाबा साहब के चित्र पर माल्यार्पण कर भाव-भीनी श्रद्धांजलि अर्पित की गई । कार्यक्रम की अध्यक्षता संस्थान के अपर निदेशक बी डी चौधरी द्वारा की गई । अपने अध्यक्षीय सम्बोधन मे भगवान बुद्ध सभागार में उपस्थित समस्त अधिकारियों और कर्मचारियों को सम्बोधित करते हुए कहा कि बाबा साहब जैसे महापुरुष सदियों बाद जन्म लेते हैं।, अंग्रेजी शासन द्वारा संरक्षण प्राप्त देशी सामन्तियो का अत्याचार, आर्थिक और सामाजिक रूप से शोषित वर्ग पर चरम पर था । बाबा साहब ने, एक विशेष तथाकथित अछूत जाति में जन्म लेने के कारण, विद्वेष और सामाजिक भेदभाव के शिकार हीं नहीं हुए ,वरन् उनकी छाया मात्र से, विद्यालय के अन्य तथाकथित सहपाठी, उनसे दूरी बनाकर रखते थे । बाल्यकाल में हीं, इस विडम्बना पूर्ण जीवन जीने की शैली से अत्यधिक मानसिक आघात पहुँचा , तब उन्होंने दृढ़ संकल्पित होकर ,उच्च शिक्षा प्राप्त करने के लिए पूरी निष्ठा और लगन के साथ बैरिस्टर की पढ़ाई पूर्ण की।बाबा साहब ने स्वतंत्रता आन्दोलन में अग्रणी और महती भूमिका निभाने के साथ संविधान निर्मात्री समिति के प्रमुख सदस्य होते हुए, संविधान प्रलेखन समिति के अध्यक्ष थे । आज हमारे गौरव शाली संविधान में, मुख्य रूप से, उनकी प्रतिभा दृष्टिगोचर होती है ।कहा कि आम्बेडकर जयन्ती अवसर पर हम सब लोग बाबा साहब के विचारों और जीवन दर्शन का प्रचार प्रसार करने का संकल्प लें, यही बाबा साहब के प्रति सच्ची श्रद्धांजलि होगी
एक-एक करके संस्थान के समस्त वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा बाबा साहब के त्याग-बलिदान एवं उनकी उपलब्धियों एवं रचनात्मक कृतियों पर विशेष रूप से चर्चा की गई ।